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Class 9th NCERT Economics Chapter 1 | BTC 9 Class Our Economy | क्लास 9वीं हमारी अर्थव्यवस्था अध्याय 1 | बिहार के एक गाँव की कहानी | सभी प्रश्नों के उत्तर

Class 9th NCERT Economics Chapter 1  BTC 9 Class Our Economy  क्लास 9वीं हमारी अर्थव्यवस्था अध्याय 1  बिहार के एक गाँव की कहानी  सभी प्रश्नों के उत्तर
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
1. उत्पादन के प्रमुख साधन कितने हैं ? 
(क) तीन 
(ख) चार
(ग) पाँच
(घ) दो
2. उत्पाद का अर्थ है
(क) नयी वस्तु का सृजन .
(ख) उपयोगिता का सृजन 
(ग) उपयोगिता का नाश
(घ) लाभदायक होना
3. उत्पादन का निष्क्रिय साधन है 
(क) श्रम 
(ख) संगठन
(ग) साहसी
(घ) भूमि
4. निम्नलिखित में से भूमि की विशेषता कौन-सी है ?
(क) वह नाशवान है
(ख) वह मनुष्य निर्मित है
(ग) उसमें गतिशीलता का अभाव है
(घ) उसमें समान उर्वरता है
5. अर्थशास्त्र में भूमि का तात्पर्य हैं ?
(क) प्रकृति प्रदत्त सभी निःशुल्क वस्तुएँ
(ख) जमीन की ऊपरी सतह
(ग) जीमन की निचली सतह
(घ) केवल खनिज सम्पत्ति
6. निम्नलिखित में से कौन उत्पादक है ? 
(क) बढ़ई 
(ख) भिखारी 
(ग) ठग
(घ) शराबी
7. उत्पादन का साधन है ? 
(क) वितरण 
(ख) श्रम
(ग) विनिमय
(घ) उपभोग
8. निम्नलिखित में कौन उत्पादन का साधन नहीं है ?
(क) संगठन
(ख) उद्यम
(ग) पूँजी
(घ) उपभोग
9. निम्नलिखित में से कौन पूँजी है ?
(क) फटा हुआ वस्त्र
(ख) बिना व्यवहार में लायी जानेवाली मशीन 
(ग) किसान का हल
(घ) घर के बाहर पड़ा पत्थर
10. जो व्यक्ति व्यवसाय में जोखिम का वहन करता है, उसे कहते हैं ? 
(क) व्यवस्थापक 
(ख) पूँजीपति 
(ग) साहसी 
(घ) संचालक मंडल 
11. निम्नलिखित में कौन श्रम के अंतर्गत आता है ?
(क) सिनेमा देखना
(ख) छात्र द्वारा मनोरंजन के लिए क्रिकेट खेलना 
(ग) शिक्षक द्वारा अध्यापन
(घ) आनन्द के लिए संगीत का अभ्यास करना
उत्तर – 1. (ग), 2. (ख), 3. (घ), 4. (ग), 5. (क), 6. (क), 7. (ख), 8. (घ), 9. (ग), 10. (ग), 11. (ग)।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

1. श्रम को उत्पादन का ...................... साधन कहा जाता है ।
2. शिक्षक के कार्य को ....................... श्रम कहा जाता है ।
3. ..................... अर्थव्यवस्था के भौतिक अथवा पूँजीगत साधन है।
4. सभ्यता के विकास के साथ ही मनुष्य की ......................... बहुत बढ़ गई हैं ।
5. वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन विभिन्न साधनों के ...................... से होता है । 
6. उत्पादन की नयी तकनीक की वजह से उत्पादन क्षमता में अपेक्षाकृत ........................ होती है।
उत्तर – 1. सक्रिय, 2. मानसिक, 3. मशीन एवं औजार, 4. आवश्यकताएँ, 5. सहयोग, 6 वृद्धि या बढ़ोत्तरी ।
III. सही कथन में सही तथा गलत कथन में करें ।

1. अर्थशास्त्र में उत्पादन का अर्थ उपयोगिता का सृजन करता है । 
2. किसान के कार्य को मानसिक श्रम कहा जाता है। 
    (सही यह है कि किसान के कार्य को शारीरिक श्रम कहा जाता है।)
3. अर्थशास्त्र के प्रमुख तत्व प्राकृतिक साधन एवं भौतिक साधन हैं । 
4. ब्रिटेन की आर्थिक व्यवस्था विकसित है। 
5. भारतीय अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था नहीं है ।
    (सही यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है।)
उत्तर - 1. सही, 2. गलत, 3. सही, 4. सही, 5. गलत 

IV. स्तंभ 'क' के कथन का स्तंभ 'ख' के कथन के साथ मिलान करें :
स्तंभ 'क' 
1. भूमि का पारिश्रमिक
2. श्रम का पारिश्रमिक
3. पूँजी का पारिश्रमिक
4. व्यवस्थापक का पारिश्रमिक
5. साहसी का पारिश्रमिक
स्तंभ 'ख'
(क) लाभ
(ख) वेतन
(ग) लगान
(घ) मजदूरी
(ङ) ब्याज
उत्तर : (1)→(ग), (2)→ (घ), (3) → (ङ), (4)→(ख), (5)→(क)।

V. लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. उत्पादन से आप क्या समझते हैं ? 
उत्तर—उत्पादन उसे कहते हैं, जिससे किसी वस्तु में उपयोगिता बढ़ जाय । 
प्रश्न 2. उत्पादन तथा उपभोग में अंतर कीजिए । 
उत्तर – उत्पादन से किसी वस्तु में उपयोगिता बढ़ती है, जबकि उपभोग से मानवीय आवश्यकताएँ संतुष्ट होती हैं ।
प्रश्न 3. उत्पादन के विभिन्न साधन कौन-कौन हैं? 
उत्तर—उत्पादन के विभिन्न साधन हैं : 
(i) भूमि, (ii) श्रम, (iii) पूँजी, (iv) व्यवस्था या संगठन तथा (v) उद्यम या साहस ।
प्रश्न 4. फतेहपुर गाँव के लोगों का मुख्य पेशा क्या है ? 
उत्तर – फतेहपुर गाँव के लोगों का मुख्य पेशा कृषि कार्य है ।
प्रश्न 5. भूमि तथा पूँजी में अंतर करें ।
उत्तर – भूमि से तात्पर्य भूमि के साथ ही प्रकृति प्रदत्त सभी वस्तुओं से है, जिन्हें प्रकृति ने हमें दिया है, वहीं पूँजी धन के उस भाग को कहते हैं, जिसका और उत्पादन बढ़ाने में उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 6. "क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है ।" क्यों ? 
उत्तर – हाँ, सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्वपूर्ण है। क्योंकि सिंचाई की सुविधा बढ़ने से निश्चित रूप से उपज में वृद्धि होगी। किसान एक वर्ष के अंदर तीन-तीन फसल तक उपजा सकते हैं ।

VI. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. उत्पादन की परिभाषा दीजिए। उत्पादन के कौन-कौन से साधन हैं ? व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – मनुष्य अपने आर्थिक प्रयास से प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं की उपयोगिता में वृद्धि करता है। उसके इसी प्रक्रम को 'उत्पादन' कहते हैं ।
उत्पादन के पाँच साधन हैं : (i) भूमि, (ii) श्रम, (iii) पूँजी, (iv) व्यवस्था या संगठन तथा (v) उद्यम या साहस । इनकी व्याख्या निम्नांकित है :
(i) भूमि- उत्पादन के लिए 'भूमि' प्राथमिक आवश्यकता है। भूमि के बिना किसी प्रकार का उत्पादन हो ही नहीं सकता। भूमि उत्पादन का एक निष्क्रिय तथा स्थिर साधन है। भूमि की खास विशेषता है कि इसके अंतर्गत प्रकृति प्रदत्त सभी वस्तुएँ – हवा, पानी, खान तथा खनिज तक आ जाते हैं ।
(ii) श्रम — श्रम उत्पादन का एक सक्रिय साधन है। भूमि की तरह श्रम के बिना भी कोई उत्पादन नहीं हो सकता । श्रम दो प्रकार के होते हैं : (क) शारीरिक श्रम तथा (ख) मानसिक श्रम । हलवाहे का श्रम शारीरिक है जबकि अध्यापक का श्रम मानसिक है।
(iii) पूँजी- मनुष्य द्वारा उत्पादित धन के उस भाग को पुँजी कहते हैं, जिसका उपयोग और अधिक धुन के उत्पादन के लिए किया जाता है। बीज, कच्चा माल, मशीन, कारखाने का मकान सब पूँजी के तहत आते हैं। पूँजी के बिना किसी भी प्रकार का उत्पादन — चाहे वस्तु हो या सेवा — हो ही नहीं सकता । -
(iv) व्यवस्था या संगठन– भूमि, श्रम और पूँजी जैसे उत्पादन के साधनों को एकत्र कर जो उत्पादन कार्य कराता है, उसे व्यवस्था या संगठन कहते हैं। व्यवस्था या संगठन जितना ही अधिक क्रियाशील होगा उतना ही अधिक और बढ़िया उत्पादन होगा
(v) उद्यम या साहस — उत्पादन के लिए उद्यम या साहस का रहना अनिवार्य है। उत्पादन तो लाभ के लिए किया जाता है, लेकिन कभी-कभी उसे नुकसान भी होता है । इसी नुकसान या घाटे के लिए, जो तैयार रहता है उसे उद्यमी या सहसी कहते हैं । 
प्रश्न 2. उत्पादन के साधनों में संगठन एवं साहसी की भूमिका का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – उत्पादन के साधनों में संगठन एवं साहसी की भूमिका निम्नांकित है : 
संगठन— भूमि, श्रम, पूँजी आदि उत्पादन के इन साधनों को एकत्र कर उन्हें उत्पादन कार्य में लगाना और उत्पादन करना, यह काम संगठन का है। संगठन को बाजार का अध्ययन करना होता है । उसे यह पता करना होता है कि बाजार में किस वस्तु की माँग है। कौन-सी वस्तु का उत्पादन किया जाय जो बाजार में बिक जाय । वस्तु के बिक जाने पर ही लाभ की आशा की जाती है। फिर यह भी ध्यान रखना होता है कि वस्तुओं को उतना ही उत्पादित किया जाय जो बिक जाय । यदि उत्पादन बड़े पैमाने पर करना है, तो संगठन को भी कारगर बनाना पड़ता है। यदि इस स्थान पर ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त किया जाय, जो निष्क्रिय रूप से बैठे-बैठे वेतन उठाते हैं तो उत्पादन में घाटा निश्चित है 1
साहसी— उत्पादन का काम जोखिमों से भरा होता है। अच्छे-अच्छे संगठकों के रहते हुए भी कभी हानि की आशंका भी रहती है। भविष्य की अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए तैयार रहने वाले को साहसी कहते हैं। आज की प्रतियोगिता से भरी बाजारव्यवस्था में घाटा उठाने की तत्परता बड़े महत्व की बात है। वैसे साहसी लाभ के लिए ही साहस करता है, लेकिन उसे हानि भी हो सकती है।
प्रश्न 3. फतेहपुर गाँव में कृषि कार्यों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर – फतेहपुर गाँव में मुख्य क्रिया कृषि है। कृषि के साथ ही पशुपालन, मुर्गी पालन, डेयरी आदि कृषि के ही अंग हैं। मिश्रित कृषि में ये सभी मिल जाते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि उत्पादन क्रिया में विभिन्न संसाधनों की आवश्यकता होती है । इन संसाधनों में प्राकृतिक संसाधन, मानव निर्मित वस्तुएँ, मानव प्रयास और मुद्रा सभी सम्मिलित हैं। गाँव में इन संसाधनों की कोई कमी नहीं है । महत्व इस बात में है कि वहाँ के लोग इन संसाधनों को किस प्रकार समायोजित करते हैं ।
फतेहपुर गाँव अपने आप-पास के गाँवों और कस्बों से अच्छी प्रकार से जुड़ा हुआ । इस कारण गाँव को किसी बात की कमी नहीं होती। गाँव में जो भी वस्तुएँ उत्पादित होती हैं उनकी खपत में भी आसानी होती है। कृषि से सम्बद्ध जिन संसाधनों की आवश्यकता होती है, उनकी पूर्ति आस-पास के गाँव कर देते हैं। कस्बों से भी सहयोग मिल जाता है। पटना शहर निकट में ही अवस्थित है तथा वहाँ के लिए आवागमन की सुविधा भी है। अतः डेयरी का दूध आसानी से बिक जाता है। कृषि कार्य से बचे समय का वहाँ से युवक पटना में कोई अन्य काम करके आय का अर्जन कर लेते हैं । यही कारण है कि वहाँ के लोग सुखी सम्पन्न हैं। अधिकांश मकान पक्के हैं और कुछ ही मकान कच्चे हैं ।
प्रश्न 4. मझोले एवं बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न हैं ?
उत्तर – मझोले किसान जहाँ कठिनाई से कृषि कार्य करते हैं, वहीं बड़े किसानों को कोई कठिनाई नहीं होती । मझोले किसान, जो कम भूमि के मालिक होते हैं, अपने श्रम और बुद्धि का उपयोग कर कृषि कार्य करते हैं और कुछ कठिनाई से ही सही, लेकिन किसी प्रकार परिवार का भरण-पोषण कर ही लेते हैं। पूँजी की कमी ये बैंक ऋण से पूरा कर लेते हैं । खेती के साथ एक-दो गाय या भैंस रखते हैं, जिससे दूध बेचकर नगदी भी प्राप्त कर लेते हैं । गोबर से खाद की समस्या हल हो जाती है । 
बड़े किसानों को कोई कठिनाई नहीं होती। एक इनके पास स्वयं की पूँजी होती है और दूसरे इन्हें बैंक भी आसानी से ऋण दे देता है। ये अपनी उपज से अच्छी आय प्राप्तकर लेते हैं। कारण कि ये फसल की कटाई होते ही नहीं बेचते । ये अनाज का भंडारण करते हैं और जब बाजार भाव महँगा होता है, तब बेचते हैं। ये सिंचाई के साधन भी प्राप्त किए रहते हैं और कृषि में अधिकतर यंत्रों का उपयोग करते हैं । ।
छोटे किसानों से वे इस प्रकार भिन्न हैं कि छोटे किसानों को बैंक ऋण नहीं देते, जिससे उन्हें गाँव के साहूकारों से ऋण लेते पड़ते हैं। साहूकार एक तो अधिकर दर पर ब्याज वसूलते हैं और दूसरे कम पारिश्रमिक पर उन्हें अपने खेतों में खटवाते हैं। उपज कटते ही वे उनसे खरीद लेते हैं और औने-पौने भाव लगाते हैं । फलतः छोटे किसानों को दुखों से कभी छुटकारा नहीं मिलता। .

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