नई दिल्ली, 30 अगस्त 2025 – भारत और जापान के बीच रिश्तों को और मज़बूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो इशिबा ने एक नया 10 साल का रोडमैप साझा किया। इस समझौते में आर्थिक विकास, सुरक्षा सहयोग, क्लीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी इनोवेशन को शामिल किया गया है।
📌 आर्थिक सहयोग और निवेश
भारत और जापान ने अगले 10 सालों में आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की योजना बनाई है।
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जापान ने भारतीय प्रोजेक्ट्स में ₹10 ट्रिलियन (लगभग US$ 68 अरब) निजी निवेश बढ़ाने की अपील की है।
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यह निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर में होगा।
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दोनों देशों का लक्ष्य है कि आने वाले दशक में व्यापार और निवेश दोगुना किया जाए।
🛡️ सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी
भारत और जापान ने सुरक्षा सहयोग को और गहराई देने पर जोर दिया।
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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए डिफेंस ट्रेनिंग और जॉइंट एक्सरसाइज पर सहमति बनी।
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साइबर सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजिकल सिक्योरिटी के लिए नई योजनाओं का ऐलान हुआ।
🌱 क्लीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी
दोनों देशों ने ग्रीन एनर्जी और क्लाइमेट चेंज पर मिलकर काम करने का निर्णय लिया।
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हाइड्रोजन एनर्जी, सोलर प्रोजेक्ट्स और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर विशेष ध्यान रहेगा।
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जापान भारत की टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स को भी समर्थन देगा।
🌐 भारत-जापान संबंधों का महत्व
भारत और जापान एशिया के दो बड़े लोकतंत्र हैं और यह साझेदारी पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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इससे भारत में रोजगार और निवेश बढ़ेगा।
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दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूती आएगी।
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यह सहयोग आने वाले दशक में भारत-जापान को ग्लोबल स्तर पर मजबूत करेगा।
📊 निष्कर्ष
भारत और जापान की यह नई साझेदारी न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगी। पीएम मोदी और पीएम इशिबा का यह कदम भविष्य की आर्थिक और रणनीतिक दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।