राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 2025: महत्व और इतिहास
हर साल 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। उन्होंने हमेशा कहा था कि "शिक्षक राष्ट्र की रीढ़ होते हैं" और उनके मार्गदर्शन से ही विद्यार्थी जीवन में आगे बढ़ते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का महत्व
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शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को दिशा देते हैं।
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यह दिन हमें गुरुजनों के योगदान को याद दिलाता है।
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विद्यार्थियों और समाज के लिए यह दिन कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है।
शिक्षक दिवस का इतिहास
1962 में जब डॉ. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने, उनके विद्यार्थियों ने उनका जन्मदिन मनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल उनका नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को समर्पित होना चाहिए। तभी से हर साल 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षक दिवस कैसे मनाएँ?
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स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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विद्यार्थी अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
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भाषण, कविता, निबंध और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
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सोशल मीडिया पर प्रेरणादायक संदेश और विचार साझा किए जाते हैं।
शिक्षक दिवस पर निबंध (संक्षिप्त रूप में)
शिक्षक दिवस हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह हमें याद दिलाता है कि अगर शिक्षक न होते तो हम ज्ञान, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से वंचित रह जाते। विद्यार्थी को शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वही असली मार्गदर्शक होते हैं।
शिक्षक दिवस पर प्रसिद्ध विचार
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"गुरु बिना ज्ञान नहीं, और ज्ञान बिना जीवन नहीं।"
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"एक अच्छा शिक्षक मोमबत्ती की तरह होता है, जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है।"
👉 इस प्रकार राष्ट्रीय शिक्षक दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि शिक्षा, संस्कृति और आभार का प्रतीक है।

