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Brief Introduction of Bihar | Lucent General Knowledge in Hindi | बिहार का संक्षिप्त परिचय | लुसेंट सामान्य ज्ञान हिंदी में

Brief Introduction of Bihar  Lucent General Knowledge in Hindi  बिहार का संक्षिप्त परिचय  लुसेंट सामान्य ज्ञान हिंदी में
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  • बिहार के संदर्भ में प्रथम जानकारी हमें 'शतपथ ब्राह्मण' से मिलती है, जिसमें विदेह माधव नामक एक राजा का उल्लेख है, जिसने मिथिला के गौरवशाली साम्राज्य की आधारशिला रखी । 
  • विदेह राजा जनक इसी साम्राज्य के सर्वाधिक यशस्वी सम्राट हुए । कहा जाता है कि तत्कालीन भारत में मिथिला सर्वाधिक सुसंस्कृत एवं सभ्य राज्य था ।
  • ‘बिहार' की प्राचीनता इसके नाम से ही प्रकट हो जाती है । वस्तुतः बिहार शब्द 'विहार' का तद्भव है जिसका अर्थ है 'मठ' अर्थात् भिक्षुओं का निवास स्थान ।
  • राजनीतिक शक्ति के रूप में बिहार का उदय सर्वप्रथम मगध सम्राट बिम्बिसार के शासन काल में हुआ । इसकी जानकारी हमें वैदिक साहित्य एवं बौद्ध ग्रंथों से मिलती है । 
  • ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में यहाँ मौर्यवंश का उदय हुआ । चन्द्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित इस वंश का सर्वाधिक प्रतापी शासक सम्राट अशोक हुए। ईस्वी सन् चौथी-पाँचवीं शताब्दी में गुप्तवंश के शासनकाल में मगध साम्राज्य पुनः उन्नति के शिखर पर पहुँच गया । इसके पश्चात् बंगाल के पाल वंश के शासकों ने 1197 ईस्वी तक यहाँ शासन किया । 
  • बारहवीं से सत्रहवीं शताब्दी तक बिहार में मुस्लिम शासन रहा, जिसका व्यापक प्रभाव आज भी बिहार के सामाजिक-सांस्कृतिक ताना-बाना पर स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर होता है । 
  • 12वीं शताब्दी के मुस्लिम आक्रमणकारियों ने इस प्रदेश को 'बिहार' के नाम से सम्बोधित करना शुरू कर दिया था ।
  • शेरशाह सूरी के समय सूबे के रूप में बिहार को नयी मान्यता मिली तथा प्रशासनिक इकाई के रूप में बिहार का स्थान अंग्रेजों के आगमन तक बना रहा ।
  • 1764 ई० की बक्सर की लड़ाई में विजयी होकर अंग्रेजों ने बिहार पर जो कब्जा किया वह 1947 ई० में देश के आजाद होने तक जारी रहा। 
  • 1764 ई० में बंगाल के नवाबों के अंग्रेजों से पराजित होने के बावजूद बिहार बंगाल का ही एक अंग रहा ।
  • 1911 ई० में बिहार और उड़ीसा को संयुक्त रूप से बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग कर एक पृथक् राज्य बनाने की घोषणा की गयी और तदनुसार 1 अप्रैल, 1912 को बंगाल का विभाजन हुआ तथा बिहार के नाम से एक पृथक प्रांत का उदय हुआ ।
  • पहली बार 1936 में बिहार को दो राज्यों में विभाजित कर दिया गया । उड़ीसा, जो बिहार की एक कमिश्नरी थी, को एक अलग प्रांत का दर्जा दिया गया । 
  • स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1948 ई० में सरायकेला और खरसांवा दो स्थानीय देशी राजाओं के स्टेट को बिहार में शामिल कर लिया गया और उन्हें सिंहभूम जिले का अंग बना दिया गया। किन्तु, 1956 में जब राज्यों का पुनर्गठन हुआ तब पुरुलिया एवं किशनगंज के कुछ भागों को काटकर पश्चिम बंगाल में शामिल किया गया । इस प्रकार जो बिहार अस्तित्व में आया वह, वर्ष 2000 में झारखंड राज्य के निर्माण होने तक, क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का नौवाँ और जनसंख्या की दृष्टि से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बना रहा । 
  • 2001 की जनगणना के बाद बिहार क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का बारहवाँ और जनसंख्या की दृष्टि से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है ।

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