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Bihar Board Class 10th Economics Chapter 1 Notes in Hindi | बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं अर्थशास्त्र अध्याय 1 नोट्स हिंदी में

Bihar Board Class 10th Economics Chapter 1 Notes in Hindi

अर्थव्यवस्था :-
 
एक ढ़ाँचा जिसके अन्तर्गत लोगों की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है ।
विकास के लक्ष्य भिन्नभिन्न एवं परस्पर विरोधी कैसे :- प्रत्येक व्यक्ति या समूह के विकास के लक्ष्य भिन्न भिन्न हो सकते हैं और कई बार इनकी प्रकृति परस्पर विपरीत भी हो सकती है । एक के लिए विकास का लक्ष्य दूसरे के लिए विनाश का कारण भी बन सकता है । 
उदाहरण :- नदी पर बाँध बनाना , वहाँ के किसानों के विस्थापन का कारण बन सकता है ।
आय के अतिरिक्त अन्य कारक जो हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं :-एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक अर्थव्यवस्था की वास्तविक प्रति व्यक्ति आय दीर्घ अवधि में बढ़ती है ।
आर्थिक विकास के लिए साक्षरता की अनिवार्यता :-
  • इससे ज्ञान व दक्षता प्राप्त होती है । 
  • रोज़गार का स्तर बढ़ता । 
  • नई तकनीकों का प्रयोग व स्तर बढ़ता है । 
  • लोगों में स्वास्थ्य , पर्यावरण आदि के प्रति जागरूकता बढ़ती है । 
  • नएनए उद्योगों को स्थापित करने की क्षमता बढ़ती है ।
एक देश की आय क्या है ?
किसी देश की आय उस देश के सभी निवासियों की आय है । इससे हमें देश की कुल आय ज्ञात होती है ।
देश की औसत आय की गणना :- प्रत्येक देश के लिए औसत आय की गणना , अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा डॉलर में की जाती है ।
एक विकासशील और विकसित देश की मुख्य विशेषताएँ :-
विकसित देश :-
  • नई तकनीक व विकसित उद्योग । 
  • उच्च स्तरीय रहन सहन ।
  • उच्च प्रति व्यक्ति आय ।
  • साक्षरता दर उच्च । 
  • लोगों की स्वास्थ्य स्थिति बेहतर ( जन्मदर , मृत्यु दर पर नियंत्रण )
  • औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए । 
  • निम्न प्रति व्यक्ति आय । 
  • साक्षरता दर नियम
  • सामान्य रहन सहन । 
  • बेहतर स्वास्थ्य का अभाव ( अधिक मृत्यु दर )
आर्थिक नियोजन :-देश के साधनों का लाभ उठाकर देश के विकास को योजनाबद्ध रूप से बढ़ाना ।
  • संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग । 
  • नवीकरणीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग ।
  • वैकल्पिक संसाधनों को ढूँढने में मदद । 
  • संसाधनों के पुनः उपयोग व चक्रीय प्रक्रिया को बढ़ावा ।
नवीकरणीय साधन :-भूमिगत जल नवीकरणीय साधन का उदाहरण हैं । फसल और पौधों की तरह इन साधनों की पुनः पूर्ति प्रकृति करती है , लेकिन यहाँ भी हम इन साधनों का अतिउपयोग कर सकते हैं । उदाहरण के लिए , भूमिगत जल का यदि बरसात द्वारा हो रही पुन : पूर्ति से अधिक प्रयोग करते हैं , तो हम इस साधन का अति उपयोग कर रहे होंगे ।
गैर नवीकरणीय साधन :-गैर नवीकरणीय साधन वो हैं , जो कुछ ही वर्षों के प्रयोग के पश्चात् समाप्त हो जाते हैं । इन संसाधनों का धरती पर एक निश्चित भण्डार है और इनकी पुनः पूर्ति नहीं हो सकती । 
देशों के मध्य विकास को नापने वाले कारक :-देशों के मध्य विकास को नापने के लिए औसत आय के साथ सार्वजनिक सुविधाओं की उपलब्धता , स्वास्थ्य सेवाएँ , जन्म व मृत्यु दर , जीवन प्रत्याशा , प्रदूषण मुक्त वातावरण आदि मानकों का भी प्रयोग किया जाता है ।
विकासशील देश :- 
राष्ट्रीय आय :-देश के अंदर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त आय के जोड को राष्ट्रीय आय कहते है ।
प्रति व्यक्ति आय :-
(i) जब देश की कुल आय को उस देश की जनसंख्या से भाग दिया जाता है तो जो राशि मिलती है उसे हम प्रति व्यक्ति आय कहते हैं ।
(ii) भारत मध्य आय वर्ग के देशों में आता है क्योंकि उसकी प्रतिव्यक्ति आय 2019 में केवल US $ 6700 प्रति वर्ष थी । 
शिशु मृत्यु दर :-किसी वर्ष में पैदा हुए 1,000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों का अनुपात दिखाती है । 
साक्षरता दर :-7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात ।
निवल उपस्थिति अनुपात :-14 तथा 15 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुल बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत ।
बी . एम . आई . :-शरीर का द्रव्यमान सूचकांक पोषण वैज्ञानिक , किसी व्यस्क के अल्पपोषित होने की जाँच कर सकते हैं । यदि यह 18.5 से कम है तो व्यक्ति कुपोषित है अगर 25 से ऊपर है तो वह मोटापे से ग्रस्त हैं ।
मानव विकास सूचकांक :-आय व अन्य कारकों की समाकेतिक सूची इसके आधार पर किसी देश को उसकी गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है । यह विभिन्न देशों में विकास के स्तर का मूल्यांकन करने का मापदंड है । इसमें देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर , स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होती है ।
 मानव विकास सूचाकांक में भारत का स्थान :-मानव विकास सूचाकांक की गणना में भारत का 136 वाँ स्थान है ।
विकास की धारणीयता :-विकास की धारणीयता से अभिप्राय है कि पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना विकास करना तथा वर्तमान पीढियो की जरूरतों के साथ साथ भावी पीढ़ियों की जरूरतों को ध्यान में रखना । 
विकास की धारणीयता की विशेषताए :-
  • संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग ।       
  • नवीकरणीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग ।
  •  वैकल्पिक संसाधनों को ढूँढने में मदद । 
  • संसाधनों के पुनः उपयोग व चक्रीय प्रक्रिया को बढ़ावा ।
नवीकरणीय साधन :-भूमिगत जल नवीकरणीय साधन का उदाहरण हैं । फसल और पौधों की तरह इन साधनों की पुनः पूर्ति प्रकृति करती है , लेकिन यहाँ भी हम इन साधनों का अतिउपयोग कर सकते हैं । 
उदाहरण के लिए , भूमिगत जल का यदि बरसात द्वारा हो रही पुन : पूर्ति से अधिक प्रयोग करते हैं , तो हम इस साधन का अति उपयोग कर रहे होंगे ।
गैर नवीकरणीय साधन :-गैर नवीकरणीय साधन वो हैं , जो कुछ ही वर्षों के प्रयोग के पश्चात् समाप्त हो जाते हैं । इन संसाधनों का धरती पर एक निश्चित भण्डार है और इनकी पुनः पूर्ति नहीं हो सकती । 
  • वैकल्पिक संसाधनों को ढूँढने में मदद । 
  • संसाधनों के पुनः उपयोग व चक्रीय प्रक्रिया को बढ़ावा ।
नवीकरणीय साधन :-भूमिगत जल नवीकरणीय साधन का उदाहरण हैं । फसल और पौधों की तरह इन साधनों की पुनः पूर्ति प्रकृति करती है , लेकिन यहाँ भी हम इन साधनों का अति उपयोग कर सकते हैं । 
उदाहरण के लिए , भूमिगत जल का यदि बरसात द्वारा हो रही पुन : पूर्ति से अधिक प्रयोग करते हैं , तो हम इस साधन का अति उपयोग कर रहे होंगे ।
गैर नवीकरणीय साधन :-गैर नवीकरणीय साधन वो हैं , जो कुछ ही वर्षों के प्रयोग के पश्चात् समाप्त हो जाते हैं । इन संसाधनों का धरती पर एक निश्चित भण्डार है और इनकी पुनः पूर्ति नहीं हो सकती । 

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