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Bihar Board Matric Exam 2024 Most VVI Science Question And Answer | SM Study Point Offline Class Test Paper Question

 SM Study Point Offline Class Test Paper Question

लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. परागकण किसे कहते है ? परागकण की परिभाषा दें |

उत्तर- परागकणों का परागकोष से स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र पर पहुँचना परागण कहलाता है | पर-परस्पर यदि एक पौधे के पुष्प के परागकणों का प्रकीर्णन दुसरे पौधों पर स्थित पुष्प के वर्तिकाग्र तक हो तो ऐसे परागण को पर-परागण कहते है | पर-परागण की प्रक्रिया हेतु एक बाह्यकर्त्ता अनिवार्य है |

2. प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का आण्विक सूत्र लिखें |

उत्तर- प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का आण्विक सूत्र लिखें

3. उभयधर्मी आक्साइड क्या है ? अम्ल तथा क्षार के साथ एल्युमिनियम आक्साइड किस प्रकार अभिक्रिया करता है ?

उत्तर- वह आक्साइड जो अम्लीय और क्षारीय दोनों की तरह व्यवहार करता है उभयधर्मी आक्साइड कहलाता है | यह आक्साइड अम्ल में क्षार की तरह और क्षार में अम्ल की तरह कार्य करता है |

उभयधर्मी आक्साइड क्या है  अम्ल तथा क्षार के साथ एल्युमिनियम आक्साइड किस प्रकार अभिक्रिया करता है

इस प्रकार के आक्साइड में अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार के गुण पाए जाते है |

4. मछली किस अंग के द्वारा श्वसन करती है ?

उत्तर- गलफड़ों से 

5. प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें और इसे किरण आरेख से दर्शाए |

उत्तर- प्रकाश का परावर्तन- जब प्रकाश किरणें किसी चिकनी सतह पर आपतित होती है तो परावर्तक सतह इहें किसी दूसरी दिशा में परावर्तित कर देती है | इस घटना के प्रकाश का परावर्तन कहते है |

परावर्तन कके दो नियम :
(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिंदु से परावर्तक सतह पर खींचा गया अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते है |
(ii) आपतन कोण तथा परावर्तन कोण आपस में बराबर होता है |
6. उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है ?
उत्तर- उत्तल लेंस पर आपतित किरण अपवर्तित होकर एक ही बिंदु पर अभिसारित होती है | अत: इसे अभिसारी लेंस कहा जाता है |
7. दृष्टिदोष क्या है ? यह कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर - जिन व्यक्तियों के नेत्र में प्रतिबिम्ब रेटिना पर नहीं बनता है तो कहा जाता है की उन्हें दृष्टि दोष है |
दृष्टि दोष के प्रकार -
(i) निकट दृष्टिदोष :- इस दोष को दूर करने के लिए चश्मे में उचित फोकस दुरी का अवतल लेंस का प्रयोग किया जाता है |
(ii) दीर्घ दृष्टिदोष :- इस दोष को दूर करने के लिए उचित दुरी के फोकस वाले उत्तल लेंस का चश्मे में व्यवहार किया जाता है |
(iii) दृष्टि वैषम्य :- इस दोष को दूर करने के लिए ऐसे लेंस का प्रयोग करना पड़ता है जिसके दो परस्पर लम्ब दिशाओं में वक्रता भिन्न हो |
(iv) जरा दृष्टिदोष :- इस दोष को दूर करने के लिए चश्मे में बाइफोकल लेंस का व्यवहार किया जाता है |

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