7. किशोरावस्था की ओरस्मरणीय तथ्य
यौवनारंभ होने पर व्यक्ति जनन के सक्षम हो जाता है। 11 वर्ष की आयु से 19 वर्ष तक की अवधि किशोरावस्था कहलाती है।
यौवनारंभ का प्रारंभ होने पर जनन अंगों में वृद्धि होती है तथा शरीर के विभिन्न स्थानों पर बाल आने लगते हैं। लड़कियों में स्तन विकसित हो जाते हैं तथा लड़कों के चेहरे पर दाढ़ी-मूँछें आ जाती हैं। किशोरावस्था में स्वरयंत्र में वृद्धि होने के कारण लड़कों की आवाज फटने लगती है।
किशोरावस्था में लंबाई में वृद्धि होती है।
यौवनारंभ एवं जनन अंगों का परिपक्व होना हार्मोनों द्वारा नियंत्रित होता है। हार्मोन अंतः स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ हैं जो रुधिर में सीधे पहुँचते हैं।
पीयूष ग्रंथि हार्मोन स्रावित करते हैं जैसे कि वृद्धि हार्मोन, तथा अन्य ग्रंथियों वृषण, अंडाशय, थायरॉइड तथा एड्रिनल को हार्मोन स्रावित करने के लिए उद्दीप्त करते हैं। अग्न्याशय इन्सुलिन का, थायरॉइड थायरॉक्सिन का तथा एड्रिनल एड्रिनेलिन हार्मोन का उत्पादन करते हैं।
टेस्टोस्टेरोन नर हार्मोन है तथा एस्ट्रोजन मादा हार्मोन है। गर्भाशय की दीवार निषेचित अंडाणु (युग्मनज) को ग्रहण के लिए अपने आपको तैयार करती है। निषेचन न होने की स्थिति में गर्भाशय की दीवार की आंतरिक सतह निस्तारित होकर शरीर से बाहर रक्त के साथ प्रवाहित हो जाती है। इसे ऋतुस्राव अथवा रजोधर्म कहते हैं।
अजन्मे शिशु का लिंग निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि युग्मनज में XX गुणसूत्र हैं अथवा XY गुणसूत्र।
किशोरावस्था में संतुलित आहार करना तथा व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करना महत्त्वपूर्ण है।
पाठ्य पुस्तक के आंतरिक प्रश्न
प्रश्न 1. शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तन जिनसे जनन परिपक्वता आती है, की अवधि कब तक रहती है?
उत्तर– शरीर में होने वाले ऐसे परिवर्तन की अवधि लगभग 11 वर्ष की आयु से प्रारम्भ होकर 18 अथवा 19 वर्ष की आयु तक रहती है।
प्रश्न 2. क्या बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की अवधि का कोई विशेष नाम है?
उत्तर- बाल्यकाल एवं युवावस्था के मध्य की अवधि को किशोरावस्था कहते हैं।
प्रश्न 3. यौवनारंभ में होने वाले परिवर्तनों का प्रारम्भ कौन करता है?
उत्तर- यौवनारंभ में होने वाले परिवर्तनों का प्रारम्भ विभिन्न हार्मोन करते हैं।
प्रश्न 4. क्या जननकाल एक बार प्रारम्भ होने के बाद जीवन पर्यन्त तक चलता रहता है या कभी समाप्त होता है?
उत्तर- जननकाल जीवन पर्यन्त नहीं चलता है। स्त्रियों में यह सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक चलता है। पुरुषों में स्त्रियों की अपेक्षा अधिक अवधि तक चलता है।
प्रश्न 5. स्त्रियों में जननकाल की अवधि रजोधर्म से रजोनिवृत्ति तक होती है। क्या यह सही है?
उत्तर- हाँ, यह सही है।
प्रश्न 6. इस बात का निर्धारण कैसे होता है कि निषेचित अंडाणु लड़के में अथवा लड़की में विकसित होगा?
उत्तर- निषेचित अंडाणु अथवा युग्मनज में जनन वाले शिशु के लिंग निर्धारण का संदेश होता है। इस क्रिया में लिंग गुणसूत्र सक्रिय करते हैं। हम जानते हैं कि मनुष्यों की कोशिका के केंद्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाये जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग गुणसूत्र होते हैं जिसे X तथा Y कहते हैं। स्त्री में दोनों गुणसूत्र समान होते हैं जबकि पुरुष में एक X तथा एक Y गुणसूत्र होता है।
शुक्राणु
X - शुक्राणु (लड़की)
Y - शुक्राणु (लड़का)
X - अंडाणु (मादा)
युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में एक जोड़ा गुणसूत्रों का होता है जबकि अनिषेचित अंडाणु में सदैव X गुणसूत्र होता है किन्तु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं जिसमें एक प्रकार में X गुणसूत्र एवं दूसरे प्रकार में Y गुणसूत्र होता है। जब शुक्राणु जिसमें शुक्राणु X गुणसूत्र को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
प्रश्न 7. क्या अन्य जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं? क्या जनन प्रक्रिया में उनका कोई योगदान है?
उत्तर- हाँ, अन्य जन्तुओं में भी हार्मोन स्रावित होते हैं। जनन प्रक्रिया में इनका योगदान होता है।
प्रश्न 8. यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन न हो तो क्या उन्हें थायरॉक्सिन की कमी के कारण 'गॉयटर' हो जायेगा?
उत्तर- थायरॉइड ग्रंथि को थायरॉक्सिन हार्मोन बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है। यदि व्यक्ति के आहार में पर्याप्त आयोडीन न हो तो पर्याप्त थायरॉक्सिन का निर्माण नहीं होगा जिससे उसे 'गॉयटर' (घेघा रोग) हो जाएगा।
पाठ्य पुस्तक के अभ्यास
प्रश्न 1. शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियाँ द्वारा स्रावित पदार्थ का क्या नाम है?
उत्तर- हार्मोन
प्रश्न 2. किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- जीवनकाल का वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। यह अवस्था 11 वर्ष की आयु के प्रारम्भ होकर 18 अथवा 19 वर्ष तक होती है।
प्रश्न 3. ऋतुस्राव (menstruation) क्या है? वर्णन कीजिए।
उत्तर- यदि अंडाणु का निषेचन नहीं होता है तो गर्भाशय की अंडाणु तथा उसकी मोटी भीतरी परत रक्त वाहिकाओं सहित टूट जाती है तथा वह शरीर से बाहर निकलती है। इसी से स्त्रियों में रक्तस्राव होता है। इसे रजोधर्म कहते हैं। रजोधर्म लगभग 28 से 30 दिन में एक बार होता है। पहला ऋतुस्राव यौवनारंभ में होता है जिसे रजोदर्शन कहते हैं। लगभग 45 से 50 वर्ष की आयु में ऋतुस्राव होना रुक जाता है, जिसे रजोनिवृत्ति कहते हैं।
प्रश्न 4. यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर- यौवनारंभ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तन-
(i) लंबाई में वृद्धि- इस समय शरीर की लम्बी अस्थियों की लम्बाई में वृद्धि होती है और व्यक्ति लम्बा हो जाता है। साधारण 18 वर्ष की आयु तक लड़के व लड़कियों अपनी अधिकतम लम्बाई प्राप्त कर लेते हैं, जो आनुवंशिक जीन पर निर्भर करती है।
(ii) शारीरिक आकृति में परिवर्तन- लड़कों में कंधे चौड़ेकर चौड़े हो जाते हैं और लड़कियों को कमर का निचला भाग चौड़ा हो जाता है। लड़कों में शारीरिक पेशियाँ लड़कियों की अपेक्षा सुस्पष्ट एवं गठी दिखती रहती है।
(iii) स्वर में परिवर्तन- लड़कों का स्वरयंत्र विकसित होकर बड़ा हो जाता है और कभी-कभी आवाज भारी या फटने लगती है। लड़कियों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत छोटा और स्वर सामान्यतः तीक्ष्ण होता है।
(iv) स्वेद एवं तेलग्रंथियों में वृद्धि- किशोरावस्था में इनका स्राव बढ़ जाता है, जिससे कुछ किशोरों में चेहरे पर फुँसी एवं मुँहासे आने से जाते हैं।
(v) जनन अंगों का विकास- इन जननांगों में विकसित हो जाते हैं। वृषण से शुक्राणुओं का उत्पादन प्रारम्भ हो जाता है। लड़कियों में अंडाशय के आकार में वृद्धि होती है तथा अण्ड परिपक्व होने लगते हैं। अंडाशय से अंडाणुओं का निर्मोचन भी प्रारम्भ हो जाता है।
(vi) मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता-किशोर अधिक स्वतंत्र तथा सचेत होते हैं। इस समय सोचने की क्षमता सर्वाधिक होती है। कभी-कभी परिवर्तनों की वजह से किशोर अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं।
प्रश्न 5. दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हैं।
उत्तर-
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अंतःस्रावी
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ग्रंथि
हार्मोन
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1.
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पीयूष
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वृद्धि हार्मोन
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2.
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थायरॉइड
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थायरॉक्सिन हार्मोन
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3.
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एड्रिनल
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एड्रिनेलिन
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4.
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अग्नाशय
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इंसुलिन
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5.
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वृषण
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पौरुष हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन)
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6.
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अंडाशय
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एस्ट्रोजन
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प्रश्न 6. लिंग हार्मोन क्या हैं? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया? उनके प्रकार बताइए।
उत्तर- लिंग हार्मोन नर में वृषण द्वारा एवं मादा में अंडाशय द्वारा स्रावित हार्मोन, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। इन्हें यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह नर और मादा लिंग में भिन्न-भिन्न होते हैं।
नर लिंग हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन):
यह वृषण द्वारा स्रावित होते हैं।
इससे लड़के के चेहरे के बालों में वृद्धि होती है।
यह शुक्राणु उत्पन्न करने को क्षमता उत्पन्न करता है।
मादा लिंग हार्मोन (एस्ट्रोजन):
अंडाशय द्वारा स्रावित होते हैं।
ये मादा में यौन जनन तथा स्तन जैसे स्तनों की वृद्धि आदि को नियंत्रित करते हैं।
यह गर्भाशय में सहायक है।
प्रश्न 7. सही विकल्प चुनिए-
(क) किशोरों को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं, क्योंकि-
(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
(ii) शरीर में खाद्य गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।
(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
(iv) किशोरों में स्वाद कलिकाएँ (रसेंद्रियाँ) भलीभाँति विकसित होती हैं।
(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके
(i) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।
(ii) स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।
(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
(iv) शरीर की लम्बाई बढ़ती है।
(ग) निम्न में से कौन-सा आहार किशोर के लिए सर्वोत्तम है
(i) चिप्स, नूडल्स, कोक
(ii) रोटी, दाल, सब्जियाँ
(iii) चावल, नूडल्स, बर्गर
(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन पेय
उत्तर- (क)-(ii), (ख)-(i), (ग)-(ii)
8. निम्न पर टिप्पणी लिखिए-
(i) एडम ऐपल
(ii) लिंग निर्धारण
(iii) मनुष्य शिशु में लिंग निर्धारण।
उत्तर- (i) एडम ऐपल-यौवनारंभ में लड़कों के स्वरयंत्र के बढ़ने से जो अंग गले में स्पष्ट उभरा हुआ नजर आता है, उसे एडम ऐपल कहते हैं।
(ii) लिंग लैंगिक लक्षण-युवावस्था में लड़कियों में स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते हैं अर्थात् दाढ़ी-मूँछें आने लगती हैं। ये लक्षण लैंगिक लक्षणों को लड़कों के पहचानने में सहायता करते हैं। अतः इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर भी बाल आ जाते हैं। लड़कों एवं लड़कियों दोनों में ही बगल एवं जंघ के ऊपरी भाग अथवा प्यूबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।
(iii) मनुष्य शिशु में लिंग निर्धारण- सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केन्द्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्र (1 जोड़ी) लिंग गुणसूत्र हैं जिन्हें X एवं Y कहते हैं। स्त्री में दो X गुणसूत्र होते हैं जबकि पुरुष में एक X तथा एक Y गुणसूत्र होता है। युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो X गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा।
प्रश्न 9. पहेली शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-
बाईं से दाईं ओर-
थायरॉइड ग्रंथि से स्रावित हार्मोन
वयस्क में लड़का से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन
अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ
किशोरावस्था को कहा जाता है
ऊपर से नीचे की ओर-
अंतःस्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम
स्वर पैदा करने वाला अंग
स्त्री हार्मोन
उत्तर-
क्रॉसवर्ड पहेली (उत्तरों के साथ):
बाईं से दाईं ओर:
थायरॉइड ग्रंथि से स्रावित हार्मोन - थायरॉक्सिन
वयस्क में लड़का से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन - किशोरावस्था
अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ - हार्मोन
किशोरावस्था को कहा जाता है - किशोरावस्था
ऊपर से नीचे की ओर:
अंतःस्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम - हार्मोन (यह थोड़ा अस्पष्ट है, क्योंकि "हार्मोन" पहले से ही एक उत्तर है, लेकिन संदर्भ में "एंडोक्राइन ग्लैंड" का जिक्र हो सकता है।)
स्वर पैदा करने वाला अंग - एडम एप्पल
स्त्री हार्मोन - एस्ट्रोजन
प्रश्न 10. नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों एवं लड़कियों की अनुमानित लम्बाई के आँकड़े दर्शाए गए हैं। लड़के एवं लड़कियों दोनों की लम्बाई एवं आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही ग्राफ कागज पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
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आयु (वर्षों में)
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लम्बाई (सेमी में)
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|
लड़के
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लड़कियाँ
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|
0
|
53
|
53
|
|
4
|
96
|
92
|
|
8
|
114
|
110
|
|
12
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129
|
133
|
|
16
|
150
|
150
|
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20
|
173
|
165
|
उत्तर- उपरोक्त ग्राफ से निष्कर्ष निकलता है कि लड़कों तथा लड़कियों दोनों की जन्म के समय लम्बाई समान होती है, 4-8 वर्ष के अन्तराल में लड़कों की लम्बाई लड़कियों से तेज गति से तथा 8-12 वर्ष के अन्तराल में लड़कियों की लम्बाई लड़कों से तेज गति से बढ़ती है। 16 वर्ष की आयु तक पहुँचते-पहुँचते दोनों की लम्बाई समान हो जाती है किन्तु 16 से 20 वर्ष की आयु में लड़कों की लम्बाई लड़कियों से अधिक हो जाती है।