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Class 10th NCERT Geography Chapter 1 | Natural Resources | Forest and wild animal resources | कक्षा 10वीं भूगोल अध्याय 1 | भारत : संसाधन एवं उपयोग | प्राकृतिक संसाधन | वन एवं वन्य प्राणी संसाधन | सभी प्रश्नों के उत्तर

Class 10th NCERT Geography Chapter 1  Natural Resources  Water Resources  कक्षा 10वीं भूगोल अध्याय 1  भारत  संसाधन एवं उपयोग  प्राकृतिक संसाधन  वन एवं वन्य प्राणी संसाधन  सभी प्रश्नों के उत्तर
अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

1. भारत में 2001 में कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन का विस्तार था ?

(क) 25 (ख) 19.27 (ग) 20 (घ) 20.60 

2. वन स्थिति रिपोर्ट के अनुसार भारत में वन का विस्तार है :

(क) 20.60 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में 

(ख) 20.55 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में 

(ग) 20 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में 

(घ) इनमे से कोई नहीं 

3. बिहार में कितने प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र में वन का फैलाव है ?

(क) 1.5 (ख) 20 (ग) 2.0 (घ) 7.1 

4. पूर्वोत्तर राज्यों के 188 आदिवासी जिलों में देश के कुल क्षेत्र का कितना प्रतिशत वन है ?

(क) 75 (ख)80.05 (ग) 90.03 (घ) 60.11  

5. किस राज्य में वन का सबसे अधिक विस्तार है ?

(क) केरल (ख) कर्णाटक (ग) मध्य प्रदेश (घ) उत्तर प्रदेश 

6. वन संरक्षण एवं प्रबंध की दृष्टि से वनों को वर्गीकृत किया गया है :

(क) 4 वर्गों में (ख) 3 वर्गों में (ग) 5 वर्गों में (घ) इनमे से कोई नहीं 

7. 1951 से 1980 तक लगभग कितना वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र कृषि भूमि में परिवर्तित हुआ ?

(क) 30,000 (ख) 26,200 (ग) 25,200 (घ) 35,500

8. संविधान की धारा 21 का संबंध है :

(क) वन्य जीवों तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण 

(ख) मृदा संरक्षण 

(ग) जल संसाधन संरक्षण 

(घ) खनिज सम्पदा संरक्षण 

9. एन० जी० ओ० की वानिकी रिपोर्ट के अनुसार 1948 में विश्व में कितने हेक्टेयर भूमि पर वन का विस्तार था :

(क) 6 अरब हेक्टेयर में (ख) 4 अरब हेक्टेयर में 

(ग) 8 अरब हेक्टेयर में (घ) 5 अरब हेक्टेयर में  

10. प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण 1968 में कौन-सा कनेवेंशन हुआ था ?

(क) अफ्रीकी कंवेंशन (ख) वेटलैंड्स कंवेंशन 

(ग) विश्व आपदा कन्वेंशन (घ) इनमे से कोई नहीं 

11. इनमे कौन-सा जीव है जो केवल भारत में ही पाया जाता है ?

(क) घड़ियाल (ख) डॉलफिन (ग) ह्वेल (घ) कछुआ 

12. भारत का राष्ट्रिय पक्षी है :

(क) कबूतर (ख) हंस (ग) मयूर (घ) तोता 

13. मैन्ग्रोव्स का सबसे अधिक विस्तार है :

(क) अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के तटीय भाग में 

(ख) सुंदरवन में 

(ग) पश्चिमी तटीय प्रदेश में 

(घ) पूर्वोत्तर राज्य में 

14. टेक्सोल का उपयोग होता है :

(क) मलेरिया में (ख) एड्स में (ग) कैंसर में (घ) टी० बी० में 

15. चरक का संबंध किस देस से था ?

(क) म्यांमार से (ख) श्रीलंका से (ग) भारत से (घ) नेपाल से 

उत्तर- 1. (ख), 2. (ख), 3. (घ), 4. (घ), 5. (ग), 6. (ख), 7. (ख), 8. (क), 9. (ख), 10. (ख), 11. (घ), 12. (ग), 13. (ख), 14. (ग), 15. (ग) |

लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. बिहार में वन संपदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए |

उत्तर- वे दिन समाप्त हो गए जब वनों के विषय में बिहार का भी कोई स्थान था | लेकिन राज्य के बँटवारे अर्थात झारखण्ड राज्य के बन जाने से अधिकांश वन क्षेत्र उसी राज्य में पड़ गए | परिणाम हुआ की वन क्षेत्रों के मामले में बिहार प्राय: गरीब हो गया है | यहाँ की अधिकांश भूमि कार्य ही होता है | पहला: बिहार के 7.1% भूमि में ही वन है | यहाँ वनों का विस्तार पश्चिम चंपारण, मुंगेर, बाँका, जमुई, नवादा, नालंदा, गया, रोहतास, कैमूर तथा औरंगाबाद जिलों तक में ही है, वह भी बहुत कम मात्रा में |

प्रश्न 2. वन विनाश के मुख्य कारकों को लिखिए |

उत्तर- वन विनाश के मुख्य कारक निम्नलिखित है :

(i) बड़ी विकास योजनाओं के चलते वनों का काफी नुकसान हुआ है |

(ii) नदी घाटी परियोजना में बने बांध के पीछे जहाँ पानी एकत्र होता है वहाँ के सभी वृक्ष नष्ट हो गए |

(iii) खनन कार्यों के चलते भी वनों का विनाश हुआ है |

(iv) जनसंख्या की वृद्धि के कारण अन्नोत्पादन तथा आवास के लिए वनों को काटकर जमीन प्राप्त की गई |

प्रश्न 3. वन के पर्यावरणीय महत्त्व का वर्णन कीजिए |

उत्तर- वन के पर्यावरणीय है | वनों का पर्यावरण संबंधी पहला और मुख्य महत्त्व इस बात में है की ये कार्बन डाईआक्साइड-ऑक्सीजन में संतुलन बनाए रखते है | वन बादलों को आकर्षित कर वर्षा कराते है | पेड़ की जड़ भौम जल स्तर को नीचे नहीं जाने देते है | वर्षा होने और भौम जल स्तर के बने रहने से जल की कमी नहीं होने पाती | वन भूमि का क्षरण नहीं होने देता, जिससे अपरदन रुकता है |

प्रश्न 4. वन्य जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए |

उत्तर- वन्य जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारक निम्न्लिखित है :

(i) शिकार के शौक को पूरा करना |

(ii) वन्य जीवों के खाल, हड्डी तथा दांतों की विदेशों में भारी मांग |

(iii) कुछ लोग आज भी वन्य जीवों, जैसे- हिरण, खरगोश और कुछ पक्षियों के माँस शौक से खाते है |

(iv) वनों की बेतहाशा कटाई से वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास की कमी होती जा रही है | इससे वे विलुप्त होने की दशा प्राप्त कर रहे है |

प्रश्न 5. वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख करें |

उत्तर- वन और वन्य जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीती-रिवाजों की एक श्रंखला है | भारतीय धार्मिक कृत्यों में अनेक पशुओं की पूजा होती है | आर्यों के जितने देवी-देवता है, उन सबकी सवारी कोई-न-कोई वन्य जिव ही है | गाय को माता माना जाता है है | वर्ष में एक बार गोवर्द्धन (गाय वंश की वृद्धि) पर्व मनाया जाता है |वनों की रक्षा की बात करें तो वे पीपल, बरगद, पाकड़, नीम आदि को पूजनीय मानते है और विभिन्न अवसरों पर पूजते है | हवन कार्य में अनेक वन्य वनस्पतियों की आवश्यकता होती है | धुप, चन्दन, रक्त-चन्दन वनों में ही पैदा होते है | सभी शुभ कार्यों में आम के पत्तों की आवश्यकता होती है तो श्रदकर्म में कटहल के पत्तों का |

प्रश्न 6. चिपको आन्दोलन क्या है ?

उत्तर- टिहरी बांध बनाने से हजारों वृक्ष काटे गए | इन्हें काटने के पहले ही बहुगुणाजी ने चिपको आन्दोलन चलाया | इस आन्दोलन में होता यह था की ठेकेदार पेड़ काटने जाते तो आन्दोलनकारी पेड़ के चारों ओर चिपक जाते और पेड़ को काटने नहीं देते | लेकिन यह आन्दोलन सफल नहीं हो सका | सराकर की जिद्द और टिहरी बांध बनाने की आवश्यकता- दोनों के कारण आन्दोलन विफल हो गया | टिहरी बांध भी बना और पेड़ भी काटे गए | अनेक गाँवों के हजारों-हजार घर बांध से रुके जल में विलीन हो गए |

प्रश्न 7. कैंसर रोग के उपचार में वन का क्या योगदान है ?

उत्तर- हिमालय के निचले क्षेत्र जैसे- अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश में चिड जैसा एक सदा बहार वृक्ष पाया जाता है, जिसको चिड़ी कहते है | चिड़ी की छाल, पत्तियों, टहनियों और जड़ों से एक रसायन निकाला जाता है, जिसे टैकसोल (Taxol) कहा जाता है | टैकसोल नामक रसायन कैंसर रोग के उपचार में बहुत ही अधिक कारागार सिद्ध हुआ है | इस प्रकार चीड़ी नामक पेड़ वाले वन का कैंसर रोग के उपचार में बहुत अच्छा योगदान है |

प्रश्न 8. लुप्त होने वाले दस पशु-पक्षियों के नाम लिखें |

उत्तर- लुप्त होने वाले दस पशु-पक्षियों के नाम लिम्न्लिखित है :

    पशु                       पक्षी 

(i) चीतल            (i) श्वेत सारस 

(ii) नीलगाय        (ii) धूसर बगुली 

(iii) भेड़िया         (iii) बटेर 

(iv) बारहसिंगा     (iv) मोर 

(v) गेंडा             (v) चाहा  

प्रश्न 9. वन्य-जीवों के ह्रास में प्रदुषण जनित समस्या पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए |

उत्तर- यदि हम वन्य-जीवों के ह्रास में प्रदुषण जनित समस्या पर विचार करें तो सर्वप्रथम हम कहेंगे की इसके कारणों में पराबैंगनी किरणों का पृथ्वी तक पहुँचना है | अम्लीय वर्षा भी एक कारण हो सकती है | हरित गृह प्रभाव से भी वन्य जीव प्रभावित हुए है | जल, वायु तथा मृदा के प्रदूषित से भी वन्य जीवों का जीवनचक्र प्रभावित होता है | जैसे-जैसे वन क्षेत्र घटते जा रहे है वैसे-वैसे वन्य जीव भी विलुप्त हो रहे है | कारण यह है की उनका प्राकृतिक आवास समाप्त होता जा रहा है |

प्रश्न 10. भारत के दो प्रमुख जैवमंडल क्षेत्र का नाम, क्षेत्रफल एवं प्रांतों के नाम लिखिए |

उत्तर- भारत के दो प्रमुख जैवमंडल क्षेत्र है : (क) सुंदरवन तथा (ख) मानस | इसे हम तालिका रूप में अच्छी तरह स्पष्ट कर सकते है :

क्रम सं०

जैव मंडल क्षेत्र

क्षेत्रफल

प्रांत (राज्य)

1.      

सुंदरवन

9,630 वर्ग किमि०

पश्चिम बंगाल

2.      

मानस

2,837 वर्ग किमी०

असम

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. वन एवं वन्य जीवों के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए |

उत्तर - वन एवं वन्य जीवों के महत्व पर जितना लिखा जाय, कम ही होगा | वन एवं वन्य जीवों के साथ अन्योन्याश्रय संबंध रहा है | वन यदि सम्पूर्ण पृथ्वी के सुरक्षा कवच है तो वन्य पारिस्थितिक तंत्र के सहायक है | वन या वन्य जीवों से यदि छेड़-छाड़ नहीं हो तो ये अपना संतुलन स्वयं बनाए रख सकते है | इस प्रक्रिया से न तो किसी जिव की कमी होगी और न ही किसी की अधिकता | वन और वन्य प्राणियों से हमारा अटूट सम्बन्ध है | वन्य जीव हमारे शत्रु नहीं, बल्कि मित्र है | यदि सही पूछा जाय तो वन और वन्य जीव प्राकृति के अमूल्य उपहार है | पाषाण काल के भी पूर्व से मनुष्य इनमे लाभ उठाता रहा है, बल्कि इनसे पोषित भी होता रहा है | वन और वन्य जीव ऐसे प्रकृति प्रदत्त संसाधन है जो मानव के लिए प्रतिस्थापित हो सकते है | खासकर वन इस जीवमंडल में भी सभी जीवों को संतुलित स्थिति में जीवन जीने के योग्य पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण में अधिकाधिक योगदान देता है | इसका कारण है की पृथ्वी के सभी जीवों के लिए खाद्य ऊर्जा (Food Energy) के प्रारंभिक स्रोत वनस्पति ही है, जो सूर्य से अपने लिए ऊर्जा प्राप्त करते है |

खासकर भारत के लोग शुरू से वनों से प्रेम करने वाले है | इसका प्रमाण हमें लोककथाओं, विभिन्न परम्पराओं और वैदिक ग्रंथो से मिलता है | लेकिन अभी की स्थिति यह है की फैशन और अपने को विकसित कहलाने के भ्रम में हम अपने सभी अतीत की परम्पराओं को भूल चुके है या भूलते जा रहे है | आज नगरों में होटलों में विवाह संस्कार होते है | वहाँ अब हफ्तों पहले से चलने वाली विधियाँ कहाँ चलती है | लम्बे-लम्बे बाँसों से मरवा कहाँ बनता है | आम की लकड़ी से बनी पीढ़िया भी लोग भूल चुके है | आम के पत्तों का बंदनवार भी अब नहीं बनाते | ये बाँस, आम की पीढ़िया, आम के पत्तों का बन्दवार, पूजा के समय आम के पल्लव सभी वृक्षों से ही तो प्राप्त होते है, जो वनों के ही भाग है |

प्रश्न 2. वृक्षों के घनत्व के आधार पर वनों का वर्गीकरण कीजिए और सभी वर्गों का वर्णन विस्तार से कीजिए |

उत्तर- वृक्षों के घनत्व के आधार पर यदि हम उनका वर्गीकरण करें तो पाते है की भारत में पांच प्रकार के वन है | 

(i) अत्यंत सघन वन, (ii) सघन वन, (iii) खुले वन, (iv) झाड़ियाँ तथा (v) मैन्ग्रोब्स |

(i) अत्यंत सघन वन - भारत में अत्यंत सघन वन का विस्तार लगभग 54.6 लाख हेक्टेयर भूमि पर है | यह देश के सम्पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र का 1.66% है | असम और सिक्किम को छोड़कर सम्पूर्ण पूर्वोत्तर राज्य इस वर्ग में आते है, जहाँ वनों का घनत्व 75% से अधिक है |

(ii) सघन वन - देश के 73.60 हेक्टेयर भूमि सघन वन है | यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3% पड़ता है | हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महारष्ट्र एवं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसे वनों का विस्तार है | यहाँ वनों का घनत्व 62.99% है |

(iii) खुले वन - भारत में खुले वन 2.59 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर फैले हुए है | यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 7.12% है | कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों के कुछ जिलों तथा असम के 16 आदिवासी जिलों में ऐसे वनों का विस्तार है | असम के इन जिलों में तो वृक्ष का घनत्व 23.89% तक है |

(iv) झाड़ियों एवं अन्य वन - राजस्थान का मरुस्थलीय क्षेत्र तथा अन्य आर्ध शुष्क क्षेत्रों में ऐसे वन पाए जाते है | पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के मैदानी भागों में इस प्रकार के वनों में वृक्षों का घनत्व 10% से भी कम है | ऐसे वन कुल भौगोलिक क्षेत्र के 2.459 करोड़ हेक्टयर भूमि पर विस्तृत है, जो प्रतिशत के हिसाब से 8.68% है |

(v) मैन्ग्रेब्स वन - मैन्ग्रेब्स वन तटीय भागों में पाए जाते है | विश्व के कुल तटीय वन क्षेत्र का भारत में मात्र 5% (लगभग 4,500 वर्ग किमी) क्षेत्रफल में ही मैन्ग्रेब्स वन है | सबसे प्रसिद्ध मैन्ग्रेब्स वन पश्चिम बंगाल का सुन्दर वन है | इसके बाद गुजरात और अंडमान-निकोबार द्वीप-समूह आते है | ऐसे अन्य कुछ राज्यों के तटीय भाग में भी ये वन मिल जाते है |

प्रश्न 3. जैव विविधता क्या है ? यह मानव के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ? विस्तार से लिखिए |

उत्तर- प्राकृतिक वनस्पति - काई से लेकर बरगद तक या प्राणी जात अर्थात जीव जंतु-चींटी से लेकर हाथी तक तथा मौसम, जैसे ताप, वर्षा जलवायु- इन सभी को मिलाकर जो चित्र हमारे मानस पर उभरता है, उसे जैव विविधता कहते है |

जैव विविधता मानव के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मानव प्रत्यक्ष और परोक्ष, अनेक रूप से लाभ प्राप्त करता है |जैव विविधता से मानव के लिए भोजन, औषधियाँ, वस्त्रोत्पादन के लिए रेशे, रबर तथा गृहोपयोगी लकड़ियाँ प्राप्त होते है | (जैव विविधता) यह मानव के लिए निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण है :

मानव जैव विविधता का उपयोग कृषि कार्य में करता है | इसी के चलते वह नयी-नयी किस्म का उत्तम किस्म के फसलें उगाता है, जिससे उपज बढ़ती है, एक मौसम में दो-से-तीन फसलें उगा लेता है | इससे देश की खाद्य समस्या सुलझती है | फसल में कीड़ें नहीं लगें, इसके लिए वह पीड़क नाशी का उपयोग करता है | मानव जो भी अपने भोजन में लेता है, वे सब जैविक विविधता के हिस्से है | नयी-नयी प्रजातियों के अन्न, सब्जी, जंतु आदि की खोज देश में वृद्धि पा रही जनसंख्या के भोजन के लिए सहायक बनते है | विकसित उत्तम नस्ल के पौधे और घरेलु पशु आधुनिक कृषि में बहुत सहायता प्रदान करते है | वन्य प्रजातियों का आनुवंशिकी का उपयोग कर नए गुणों के पशु पैदा किए जाते है | उदहारण के लिए रोग रोधी तथा अधिक दूध देने वाली भैसें या गायों की प्रजातियाँ समाज को सहायता प्रदान करती है | चार-चार रोगों से संरक्षण वाला आर्जिया निकारा प्रजाति का चावल विकसित किया गया है | जैव विविधता का उपयोग अनेक औषधीय पौधों के उगाने में किया जाता है | क्युनाइन, टेक्सोल वृक्षों के ही उत्पाद है |

छत पर एकत्र जल को पाइपों के सहारे टाँकों में पहुँचा दिया जाता है | वह जल पीने के काम आता था | अभी हाल में ही एक टांका गुजरात में मिला था | शायद सैकड़ों वर्ष पहले का वह टाँका होगा, लेकिन आज भी उसमे एकत्र जल पूर्णत: शुद्ध था और उसे पेयजल के रूप में व्यवहार किया जा सकता है |

प्रश्न 4. विस्तारपूर्वक बताएँ की मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनास्पत्ति और प्राणिजात के ह्रास के कारक है |

उत्तर- प्राकृतिक वनस्पतियों तथा प्राणिजात जीवों का ह्रास तो मनुष्यों के पृथ्वी पर अवतरित होते ही आरम्भ हो गया था | आज के अविष्कार के बाद इनके ह्रास में कुछ तेजी आ गई है | कारण की भोजन के लिए पशुओं का शिकार और इन्हें पकाने के लिए वनस्पतियों को काटने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है | आदि मानव का आहार पकाया माँस ही मुख्य था | वैसे वे फल-फूल भी खाते थे |

इधर उपनिवेशवाद और औद्योगिक क्रांति के बाद वनों का बड़े पैमाने पर विनाश शुरू हो गया | रेल के स्लीपर बनाने तथा भवन बनाने में बेतहाशा वनों की कटाई हुई | रेल के विस्तार के लिए भी जंगल काटे गए | इससे उस वन क्षेत्र में निवास करने वाले वन्य जीव या तो मार दिए गए या दूर भाग गए | जैसे-जैसे वन कटते गए वैसे-वैसे वन्य जीवों का प्राकतिक बांस स्थान सिमटता गया |

आज की स्थिति यह है की जनसंख्या की वृद्धि के कारण बढे हुए लोगों के खाने के लिए अधिक अन्न तथा अधिक आवास की आवश्यकता महसूस होने लगी | इसकी पूर्ति के लिए वनों को काटकर ही जमीन निकाली गई | कृषिगत भूमि और आवासीय जमीन प्राप्त की गयी | इससे प्राकृतिक वनस्पति तो समाप्त हुए ही, वन्य जीवों का भी तेजी से ह्रास हुआ | भारत में वनों का ह्रास का एक बड़ा कारण झूम खेती भी है | पूर्वोत्तर में झूम खेती की प्रथा प्राचीन समय से ही हो रही है | बहुत समझाने-बुझाने पर अब इस पर रोक लगी है | 1951 से 1980 के बाद लगभग 26,200 वर्ग किलोमीटर भारतीय वन क्षेत्र में बदल दिया गया | लगभग इसी हिसाब से वन जीव भी कम हुए होंगे |

हिरण, नीलगाय, खरगोश, भैंसा आदि के शिकार से माँस भक्षी जंतु, जैसे बाघ, शेर, तेंदुआ आदि को भोजन की कमी पड़ी है, जिससे वे जंगलों के निकटवर्ती गाँवों में प्रवेश कर पालतू पशुओं और मनुष्यों पर हमला करने लगे है | दूसरी ओर मनुष्य भी चोरी-छिपे वन्य जीवों का शिकार करने लगे है | इससे आज वनों में अनेक वन्य पशु, बाघ, सिंह, तेंदुआ, हाथी, गैंडा आदि की बेहद कमी महसूस हो रही है | खाल, हड्डी, दांत और सिंग का चोरी-छिपे निर्यात होता है, जिनका मँहगा मूल्य मिलता है |

प्रश्न 5. भारतीय जैव मंडल क्षेत्र की चर्चा विस्तार से कीजिए |

उत्तर- भारत जैव विविधता के सन्दर्भ में विश्व के सर्वाधिक समृद्ध देशों में से एक है | हजारों वर्ष पूर्व से ही भारतीय वैज्ञानिकों ने जंतुओं एवं पेड़-पौधों पर शोध करके इनकी एक लम्बी सूचि तैयार कर उनके नाम और प्रजातियों की खोज की थी | इस्वी सन की पहली सदी में ही आर्युवेदी के रचयिता चरक ने अपनी चरक संहिता में 200 प्रकार के जंतुओं, 340 प्रकार के पादपों का उल्लेख किया था | अभी भारत की गणना विश्व के 12 विशाल जैविक विविधता वाले देशों में की जाती है | भारत में विश्व की सम्पूर्ण जैव उपजातियों का 8 प्रतिशत तथा संख्या में लगभग 16 लाख पाई जाती है |

इन सब बातों के बावजूद जैव विविधता के संदर्भ में अभी भी भारतीय वैज्ञानिक को बहुत कम वनस्पति तथा जंतुओं का ज्ञान है | फिर भी भारत इस क्षेत्र में सम्ब्रिध है | भारत में सबसे-अधिक जैव विविधता वाला क्षेत्र पश्चिमी घाट और उत्तर-पूर्वी भारत है | इसमें क्रमशः भारत का 4% और 5.2% भौगोलिक क्षेत्रफल है | फिर भी इन्हें विश्व के 25 हॉट स्पॉट में रखा गया है | इन क्षेत्रों में असंख्य प्रकार के जीव-जंतु और पादप पाए जाते है | भारत में 33% पुष्पीय पौधे भारतीय मूल के है | ऐसे ही 53% स्वच्छ जल की मछली, 60% अम्फेवियंस, 30% रेंगने वाली प्रजातियाँ तथा 10% स्तनपायी प्रजातियाँ भारतीय मूल के ही है | भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र, पश्चिमी घाट, उत्तर-पश्चिम हिमालय, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह मुख्य रूप से देशज क्षेत्र के रूप में विख्यात है | कुछ पश्चिमी घाट के ही है जो भारतीय मूल में अग्रणी स्थान रखते है |

यूनेस्को के सहयोग से भारत में 14 जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र की स्थापना की गई है | (i) नील गिरी, (ii) नंदादेवी, (iii) नोकरेक, (iv) मानस, (v) सुंदरवन, (vi) मन्नार की खाड़ी, (vii) ग्रेट निकोबार, (viii) सिमली पार, (ix) डिबू साईं केला, (x) दिहांग-देबांग, (xi) कंचनजंगा, (xii) पंचमढ़ी, (xiii) अगस्थ्यामालाई, (xiv) अमरकंटक |

कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उनके उत्तर 

प्रश्न 1. वन किसे कहते है ? प्रारंभिक मानव सभ्यता का महान अविष्कार क्या था ?

उत्तर- उस घने भू-भाग को वन कहते है, जो पेड़-पौधों तथा अनेक प्रकार की झाड़ियाँ से आच्छादित रहते है | प्राकृतिक रूप से स्वयं उगने वाले वनों को प्राकृतिक वन कहते है | वहीँ जो वन मनुष्य लगाते है उन्हें मानव द्वारा विकसित वन कहते है |

प्रारम्भिक मानव सभ्यता का महान अविष्कार आग था |

प्रश्न 2. प्रशासकीय दृष्टि से वनों को कितने वर्गों में रखा गया है और कौन-कौन ?

उत्तर- प्रशासकीय दृष्टि से वनों की तीन वर्गों में रखा गया है |

(i) आरक्षित वन (Reserved Forest)

(ii) रक्षित वन (Protected Forest)

(iii) अवर्गीकृत वन (Unclassified Forest)

प्रश्न 3. भारत इ वन्य प्राणियों तथा वनस्पतियों की कितनी प्रजातियाँ है ?

उत्तर- भारत में वन्य प्राणियों की लगभग 81,000 प्रजातियाँ तथा वनस्पतियाँ की लगभग 47,00 प्रजातियाँ पाई जाती है | वनस्पति उपजातियों में से लगभग 15,000 केवल भारतीय मूल की है |

प्रश्न 4. निम्न तलीय जलजमाव वाले क्षेत्र को क्या कहते है ?

उत्तर- निम्न तलीय जलजमाव वाले क्षेत्र को वेट लैंड कहा जाता है | स्थानीय लोग उसे स्थानानुसार चौर, मान, टाल इत्यादि कहे जाते है |

प्रश्न 5. अमृता देवी वन्य संरक्षण आन्दोलन क्या था ?

उत्तर- 1731 ई० में जोधपुर के राजा ने आदेश दिया की उनके नए बनने वाले महल के लिए वन काटे जाएँ | बिशनोई समाज के लोगों ने अमृता देवी के नेतृत्व में उस वन को काटने का विरोध किया, जिस वृक्ष को राज्य कर्मचारी काटने वाले थे | उस वृक्ष को खिजरी कहते है और उसे बिशनोई समाज के लोग पूजते थे | बाद में रजा ने अपनी गलती महसूस की और वन की कटाई रोक दी गई | इसी आन्दोलन को अमृतादेवी वन्य संरक्षण आन्दोलन कहा जाता है |

प्रश्न 6. जैव अपहरण किसे कहा जाता है ?

उत्तर- प्रकृतिजन्य करोड़ों वर्षों के विकास की प्रक्रिया में स्थापित आनुवंशिकी गुणों में हेरा-फेरी को जैव अपहरण कहते है |

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