अभ्यास के प्रश्न तथा उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
1. निम्नलिखित में कौन प्राकृतिक आपदा है ?
(क) आग लगना
(ख) बम विस्फोट
(ग) भूकम्प
(घ) रासायनिक दुर्घटनाएँ
2. भूकंप सम्भावित क्षेत्रों में भवनों की आकृतिक कैसी होनी चाहिए ?
(क) अंडाकार
(ख) त्रिभुजाकार
(ग) चौकोर
(घ) आयताकार
3. भूस्खलन वाले क्षेत्र में ढलान पर मकानों का निर्माण क्या है ?
(क) उचित
(ख) अनुचित
(ग) लाभकारी
(घ) उपयोगी
4. सुनामी प्रभावित क्षेत्र में मकानों का
(क) समुद्रतट के निकट
(ख) समुद्र तट से दूर
(ग) समुद्र तट से दूर ऊँचाई पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
5. बाढ़ से सबसे अधिक हानि होती है
(क) फसल को
(ख) पशुओं को
(ग) भवनों को
(घ) उपरोक्त सभी को
6. कृषि सुखाड़ होता है
(क) जल के अभाव में
(ख) मिट्टी की नमी के अभाव में
(ग) मिट्टी के क्षय के कारण
(घ) मिट्टी की लवणता के कारण
उत्तर : 1. →(ग), 2. →(घ), 3. →(ख), 4. →(ग), 5. →(घ), 6. →(क)।
लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. भूकंप के प्रभावों को कम करने के लिए किन्हीं चार उपायों को लिखिए
उत्तर- भूकंप के प्रभावों को कम करने के प्रमुख चार उपाय हैं :
(i) भवन को आयताकार बनाया जाय और नक्शा साधारण हो ।
(ii) लम्बी दीवारों को सहारा देने के लिए कंक्रीट का 'कलम' होने चाहिए।
(iii) नींव मजबूत तथा भूकंपरोधी होनी चाहिए।
(iv) दरवाजे तथा खिड़कियों की स्थिति भूकंप अवरोधी होनी चाहिए।
प्रश्न 2. सुनामी सम्भावित क्षेत्रों में गृह निर्माण पर अपना विचार प्रकट कीजिए ।
उत्तर- प्रायः जहाँ सुनामी की लहरें आती हो या सुनामी वाले क्षेत्रों की आशंका हो, वहाँ गृह निर्माण तट से दूर ऊँचे स्थानों पर किया जाय। सुनामी आशंकित क्षेत्रों में ऐसे मकान बनवाए जायँ जो भूकंप एवं सुनामी लहरों के प्रभाव को कम कर सकते हो । सुनामी की आशंका वाले तटीय क्षेत्रों में मकान ऊँचे स्थानों पर और तट से कम-से-कम एक सौ मीटर दूर हों ।
प्रश्न 3. सूखे की स्थिति में मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर - सूखे की स्थिति में यदि मिट्टी में नमी रहती भी है, वह तेज धूप के कारण सूख कर नमी रहित हो जाती है । इसके बचाव के लिए आवश्यक है कि नमी को सूखने से बनाने के लिए भूमि पर घास का आवरण अवश्य रहे। नदी की दोणी में वृक्षारोपण भी नमी को सूखने से बचाता है। न केवल बचाता है, वह बादलों को आकर्षित कर वर्षा भी करा देता है। खेतों में ऐसी फसलें लगाई जायँ जो कम पानी में भी उपज सकें। इसके लिए कृषि विभाग से सम्पर्क साधा जाय ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. भूस्खलन अथवा बाढ़ जैसी प्राकृतिक विभिषिकाओं का सामना आप किस प्रकार कर सकते हैं? विस्तार से लिखिए ।
उत्तर-भूस्खल जैसी प्राकृतिक विभिषिका का सामना निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है
(i) मिट्टी की प्रकृति के अनुरूप मकानों की नींव रखी जाय। (ii) ढालुआँ जमीन पर मकानों को हर्गिज नहीं बनवाया जाय । (iii) वनस्पति विहिन ढालों पर वृक्षों का सघन रोपन किया जाय। (iv) सड़कों, नहरों एवं सिंचाई व्यवस्था के क्रम में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाय कि प्राकृतिक जल की निकासी रुके नहीं। (v) भूस्खलन रोकने के लिए पुख्ता दीवारों का निर्माण कराया जाय। (vi) वर्षा जल और झरनों के प्रवेश सहित भूस्खलनों के संचलन पर काबू पाने के लिए समतल जल निकासी नियंत्रण केन्द्र बनाया जाय । (vii) भूस्खल आशंकित क्षेत्रों में जमीन पर न्यूनतम एक इंच की गहराई तक घासपात, लकड़ी का छीजन, पेड़ों की छाल वैसे क्षेत्रों में बिछाया जाय जहाँ ढाल मन्द हो । इन उपायों के अलावे खड़ी ढालों पर बने मकान के मालिक कुछ स्थितियों में ऐसे अवरोधक या जल ग्रहण क्षेत्र का निर्माण कर सकते हैं। ऐसा उपाय छोटे-छोटे भूस्खलन को राकेने में सहायक हो सकता है। इन अवरोधकों के ढलान वाली दिशा में कंक्रीट की मजबूत दीवार बनाई जा सकती है ।
अथवा बाढ़
वर्षो वर्ष के अनुभव से यह पता किया जाय कि बाढ़ का पानी कहाँ तक आता है । मकान उसके ऊपर ही बनवाये जायँ। फिर भी बाढ़ से राहत पाने के लिए बाढ़ का मानचित्र तैयार कराया जाय और जहाँ तक संभव हो इस क्षेत्र में मकान नहीं बनवाए जायँ । इन क्षेत्रों में किसी भी बड़ी विकास योजना की अनुमति देने के पूर्व बाढ़ से बचाव कार्य निर्धारित किया जाना चाहिए। मकान के चारों ओर नींव के पास बालू से भरी बोरियों को रखना उत्तम होगा।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वनों का विकास हो। इससे बाढ़ की भीषणता निश्चित ही कम होगी। वृक्षों से मृदा अपरदन भी रूक सकता है। पशुओं को चारा मिलता है तथा निकटवर्ती लोगों को जलावन की लकड़ी मिलती हैं। नदियों के दोनों तटों पर बाँध बनें । पर्वतीय क्षेत्रों में नदी मार्ग में बाँध बनाकर पृष्ठ भाग में जलाशय बनाए जायँ। इससे अनेक लाभ भी हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की नदियों को एक साथ जोड़ दिया जाय। रिंग बाँध भी बाढ़ रोकने में सहायक होगा। बाढ़ रोकने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित तीन उपाय— त्वरित, अल्प-कालिक तथा दीर्घकालिक उपायों पर कार्रवाई हो ।
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