NCERT Solutions for Class 8 Chapter 4. दहन और ज्वाला (Dahan aur Jvala) Science (Vigyan) - FREE PDF Download
उत्तर- सूर्य में ऊष्मा और प्रकाश नाभिकीय अभिक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होता है। हाँ, यह भी एक प्रकार का दहन है।
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पाठ्य पुस्तक के अभ्यास
प्रश्न 1. सूर्य अपनी ऊष्मा और प्रकाश स्वयं उत्पन्न करता है। क्या यह भी एक प्रकार का दहन है?उत्तर- सूर्य में ऊष्मा और प्रकाश नाभिकीय अभिक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होता है। हाँ, यह भी एक प्रकार का दहन है।
पाठ्य पुस्तक के अभ्यास
प्रश्न 1. दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर- दहन की परिस्थितियाँ-
(i) किसी ज्वलनशील पदार्थ की उपस्थिति अनिवार्य है।
(ii) दहन के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति।
(iii) ज्वलनशील पदार्थ को उसके ज्वलन ताप तक गर्म करना।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का ................. होता है।
(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन ............... है।
(ग) जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके ................ तक गर्म करना आवश्यक है।
(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को ............... द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।
उत्तर- (क) प्रदुषण, (ख) किरोसिन, (ग) ज्वलन ताप, (घ) पानी।
प्रश्न 3. समझाइए की मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदुषण किस प्रकार कम हुआ है।
उत्तर- सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों में प्रदुषण निम्न प्रकार कम हुआ है।
1. सीएनजी एक अधिक स्वच्छ ईंधन है।
2. सीएनजी सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइडों का उत्पादन अल्प मात्रा में करती है। इसलिए, अम्ल वर्षा नहीं होती और उसके कारण फसलों, भवनों तथा मृदा के लिए कोई हानिकारक प्रभाव नहीं होता।
3. इसका वायु में पूर्ण दहन होता है और कोई हानिकारक गैस उत्पन्न नहीं होती।
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प्रश्न 4. ईंधन के रूप में एलपीजी और लकड़ी की तुलना कीजिए।
उत्तर- ईंधन के रूप में एलपीजी और लकड़ी की तुलना-
एलपीजी |
लकड़ी |
||
1. |
यह पूर्ण रूप से जल जाती है तथा कोई
अवशेष नहीं छोड़ती है। |
2. |
यह जलने पर बड़ी मात्रा में धुआँ
उत्पन्न करती है जो मनुष्य के लिए हानिकारक है। साथ ही अवशेष (राख) छोड़ती है। |
2. |
इसका उष्मीय मान 55,000 Kj/kg है जो काफी अधिक है। अत: एलपीजी को जलाने पर अधिक ऊष्मा मिलती है। |
2. |
इसका उष्मीय मन 17,000 से 22,000
kj/kg है जो कम है। अत: लकड़ी को जलाने पर कम ऊष्मा
प्राप्त होगी। |
3. |
एलपीजी द्वारा कोई वायु प्रदुषण नहीं
होता है। |
3. |
इसके जलाने से वायु प्रदुषण होता है। |
4. |
एलपीजी वन संरक्षण में योगदान देती
है। |
4. |
यह वनोंमुलन का कारण बनती है, जो
पर्यावरण के लिए हानिप्रद है। |
प्रश्न 5. कारण बताइए-
(क) विद्युत उपकरण से संबंद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।
उत्तर- जल विद्युत का चालन कर सकता है और अगर आग बुझाने वालों को हानि हो सकती है। अत: विद्युत उपकरण से सम्बद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग न ही किया जाता।
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(ख) एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलु ईंधन है।
उत्तर-(i) लकड़ी की तुलना में एलपीजी का उष्मीय मान बहुत अधिक होता है अर्थात एलपीजी के जलाने पर अधिक ऊष्मा होती है जबकि उतनी ही परिमाण में लकड़ी के जलने से अपेक्षाकृत कम ऊष्मा उत्पन्न होती है।
(ii) एलपीजी पूर्ण रूपसे जल जाती है और कोई अवशेष नहीं छोड़ती। इसके विपरीत लकड़ी के जलाने से बहुत मात्रा में राख पीछे रह जाती है। इस प्रकार एलपीजी के जलने पर कोई प्रदुषण नहीं होती है जबकि लकड़ी के जलने पर प्रदुषण होता है।
(ग) कागज स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्युमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।
उत्तर- एल्युमिनियम ऊष्मा का सुचालक है। एल्युमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता क्योंकि ऊष्मा एल्युमिनियम में स्थानांतरित हो जाती है और कागज का ताप, ज्वलन ताप तक नहीं पहुँच पाता है।
प्रश्न 6. मोमबत्ती की ज्वाला का चिन्हित चित्र बनाइए।
प्रश्न 7. ईंधन के उष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
उत्तर- ईंधन के ऊष्मीय मान को किलो जुल प्रति किलोग्राम मापक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
प्रश्न 8. समझाइए की CO2 किस प्रकार आग को नियंत्रण करती है।
उत्तर- CO2, ऑक्सीजन से भारी होने के कारण, ऑक्सीजन से नीचे आकर आग को कंबल की तरह ढक लेती है। ईंधन और ऑक्सीजन के बीच CO2 के आ जाने से ईंधन को जलने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, इसलिए इससे आग को नियंत्रित किया जा सकता है।
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प्रश्न 9. हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सुखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।
उत्तर- हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठीन होता है परन्तु सुखी पतियों में आग आसानी से लग जाती है, क्योंकि हरी पत्तियों में जल अधिक मात्रा में उपस्थित होता है। जो हरी पत्तियों को जलाने के लिए दी गई ऊष्मा को अवशोषित करके वाष्पित हो जाता है और पत्तियों के ताप को उनके ज्वलन ताप तक बढ़ने नहीं देता। जिसके कारण हरी पत्तियाँ तब तक आग नहीं पकड़ पाती जब तक सारा जल वाष्पित न हो जाए और उनका ताप उनके ज्वलनांक तक न पहुँच जाए।
सुखी पत्तियों में पानी नहीं होने के कारण ये जल्दी आग पकड़ लेती है क्योंकि इनको जलाने के लिए दी गई ऊष्मा इनके ताप को शीघ्र ही इनके ज्वलन ताप तक पहुँचा देती है और ये जलना शुरू कर देती है।
प्रश्न 10. सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते है और क्यों?
उत्तर- सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए सुनार ज्वाला की नीली लौ वाले अदिप्त क्षेत्र अर्थात ज्वाला के सबसे बाहरी भाग का इस्तेमाल करते है, क्योंकि ज्वाला का यह क्षेत्र सबसे गर्म क्षेत्र होता है और सोना एवं चाँदी जैसी धातुओं का गलनांक बहुत अधिक होता है। इसलिए उन्हें पिघलाने के लिए अधिक ऊष्मा की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 11. एक प्रयोग में 4.5kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 180,000kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।
उत्तर- उत्पन्न ऊष्मा = 180,000 kJ
ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
ऊष्मीय मान = उत्पन्न ऊष्मा / ईंधन का द्रव्यमान
= 180000 kJ/4.5kg
=40,000 kJ/kg
ईंधन का ऊष्मीय मान 40000 kJ/kg है।
प्रश्न 12. क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है? विवेचना कीजिए।
उत्तर- दहन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमे एक पदार्थ ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है और प्रक्रिया के दौरान गर्मी या प्रकाश या दोनों के रूप में ऊर्जा देता है। जंग लगने के दौरान गर्मी निकलते ही लोहे का जंग लगना एक एक्सोथर्मिक प्रक्रिया है। इसलिए यह एक प्रकार का धीमा दहन है।
प्रश्न 13. आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा?
उत्तर- रमेश के बीकर का पानी जल्दी गर्म होगा क्योंकि उसने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग पर रखा है जो की ज्वाला का सबसे गर्म हिस्सा होता है।
जबकि आबिदा ने उसे ज्वाला के पीले भाग के पास रखा जो नीली ज्वाला से कम गर्म होती है। अत: रमेश के बीकर का पानी आबिदा के बीकर के पानी से जल्दी गर्म होगा।