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Bihar Board Class 8 Hindi Chapter 9 | NCERT Class 8 Kislay Chapter 9 Ashok Ka Shastr-Tyag | अशोक का शास्त्र-त्याग (वंशीधर श्रीवास्तव) | बिहार बोर्ड क्लास 8वीं हिंदी अध्याय 9 | सरकारी किताब कक्षा 8 किसलय अध्याय 9 | सभी प्रश्नों के उत्तर

Bihar Board Class 8 Hindi Chapter 9  NCERT Class 8 Kislay Chapter 9 Ashok Ka Shastr-Tyag  अशोक का शास्त्र-त्याग (वंशीधर श्रीवास्तव)  बिहार बोर्ड क्लास 8वीं हिंदी अध्याय 9  सरकारी किताब कक्षा 8 किसलय अध्याय 9  सभी प्रश्नों के उत्तर
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पाठ से :
प्रश्न 1. पद्मा के ललकारने पर भी अशोक ने युद्ध करना स्वीकार क्यों नहीं किया ?
उत्तर – पद्मा के ललकारने पर भी अशोक ने युद्ध करना स्वीकार इसलिए नहीं किया क्योंकि उनके सामने कलिंग महाराज की वीरांगना पुत्री पद्मा स्त्री सैनिकों के साथ उनसे लोहा लेने के लिए खड़ी थी। स्त्रियों से युद्ध करना शास्त्र विरुद्ध है। यदि वह पद्मा के साथ युद्ध करते तो उनकी वीरता कलंकित होती तथा भारतीय आदर्श का महान अपमान होता। इसीलिए पद्मा के ललकारने पर भी अशोक ने युद्ध करना स्वीकार नहीं किया । अशोक बदला लेने का अच्छा अवसर था, तब भी उसने
प्रश्न 2. पद्मा को से अशोक को जीवित क्यों छोड़ दिया ?
उत्तर – निहत्थे पर वार करना शास्त्र विरुद्ध है। अशोक ने स्त्रियों पर शस्त्र न उठाने का निश्चय कर अपनी तलवार फेंक दी और सैनिकों को भी तलवार फेंक देने का आदेश दिया। फलतः सभी निहत्था हो चुके थे । अशोक और उनके सैनिकों को निहत्थे देखकर उन पर हथियार उठाना अनुचित मानकर उनसे बदला लेने का अवसर पाकर भी उसने अशोक को जीवित छोड़ दिया। अपने पिता की हत्या का बदला नहीं लिया ।
प्रश्न 3. (क) बुद्धं शरणं गच्छामि । (ख) धर्मं शरणं गच्छामि (ग) संघं शरणं गच्छामि ।
बॉक्स में दिए गए उपर्युक्त वाक्य संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं। इन्हें हिन्दी में अनुवाद कीजिए ।
उत्तर : (क) मै बुद्ध की शरण में जाता हूँ । (ख) मैं धर्म की शरण में जाता हूँ । (ग) मैं संघ की शरण में जाता हूँ । 
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. सैनिकों को उत्साहित करने के लिए राजकुमारी पद्मा और सम्राट अशोक द्वारा कही गयी बातों की तुलना कीजिए और बताइए कि अधिक प्रभावशाली कौन है ?
उत्तर – अशोक ने अपने सैनिकों को उत्साहित करते हुए कहा कि या तो हम कलिंग के दुर्ग पर अधिकार कर लेंगे या सदा के लिए मृत्यु की गोद में सो जाएँगे । दूसरी ओर पद्मा अपनी सेना को संबोधित करती हुई कहती हैं कि तुमलोग वीर कन्या, वीर भगिनी तथा वीर पत्नी हो। जिस सेना ने अपनी विजय-लालसा पूरी करने के लिए लाखों माताओं की गोद सुनी कर दी, लाखों स्त्रियों की माँग का सिंदूर पोंछ दिया, वह सेना तुम्हारे सामने खड़ी है। उसी से तुम्हें लड़ना है। तुम प्रण करो कि प्राण रहते कलिंग दुर्ग के भीतर किसी को पैर नहीं रखने दूँगी। इसकी रक्षा हर कीमत पर करूँगी। पद्मा का कथन अधिक प्रभावशाली है, क्योंकि उसमें देशरक्षा की बात कही गई है।
प्रश्न 2. इस एकांकी को कहानी के रूप में लिखिए।
उत्तर – मगध सम्राट अशोक महान वीर थे । अनेक राज्यों को जीतने के बाद उन्होंने कलिंग राज्य पर आक्रमण कर दिया। चार वर्षों तक युद्ध चलता रहा। दोनों ओर की लाखों सैनिक मारे गए। खून की नदियाँ बह चलीं। कलिंग महाराज मारे गए। उनके सेनापति को कैद कर लिया गया । फिर भी कलिंग दुर्ग का फाटक न खुला । दुर्ग के बंद होने की बात सुनकर अशोक उत्तेजित हो उठे और स्वयं सैनिकों के साथ कलिंग दुर्ग का फाटक तोड़ने पहुँच गए। उधर कलिंग की राजकुमारी पद्मा स्त्री सैनिकों के साथ सम्राट अशोक से लोहा लेने पहुँच गई। अशोक स्त्री सैनिकों को देख स्तब्ध रह गए। उन्होंने स्त्रियों पर हाथ उठाना अनुचित मानकर अपनी तलवार फेंक दी। राजकुमारी के लाख ललकारने के बावजूद वे अपने प्रण पर दृढ़ रहे । राजकुमारी ने भी इन्हें निहत्था देखकर उनपर वार नहीं किया। अशोक ने कलिंग को स्वतंत्र छोड़ दिया। इतना ही नहीं, आगे कोई युद्ध न करने का भी प्रण किया। उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया और जीवन भर अहिंसा, प्रेम तथा सेवा व्रत का पालन करते रहे । .
प्रश्न 3. अगर आप अशोक या पद्मा की जगह होते तो क्या करते और क्यों ? 
उत्तर – अगर हम अशोक या पद्मा की जगह होते तो हम भी वही करते जैसा उनलोगों ने किया । हम भी अपने आन-मान-सम्मान के लिए अपने प्राण की बाजी लगा देते, क्योंकि जन्मभूमि की रक्षा करने से बढ़कर कोई कार्य नहीं होता। इसी प्रकार हम अशोक की तरह प्राण देना अच्छा समझते किंतु स्त्रियों पर हाथ न उठाते और राजकुमारी पद्मा की तरह निहत्थे पर वार नहीं करते, क्योंकि हमारे शास्त्र ने ऐसा करने से मना किया है। स्त्रियों पर हाथ उठाना तथा निहत्थे पर वार करना दोनों धर्म विरुद्ध कार्य हैं । इन दोनों को अपनाना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है ।
प्रश्न 4. कल्पना कर बताइए कि यदि अशोक और पद्मा का युद्ध हो गया होता तो क्या होता ?
उत्तर – यदि अशोक और पद्मा का युद्ध गया होता तो महाविनाश हो जाता । अशोक की सेना ने कलिंग की स्त्री सेना को मार डालती और फिर खून की नदी बह जाती । फलतः अशोक महान के बदले अशोक हत्यारा के नाम से जाने जाते । दूसरी ओर पिता, भाई, पुत्र तथा पति की मृत्यु से बौखलाई स्त्रियाँ भूखी सिंहनी के समान खून की प्यासी थीं। उनके अन्दर प्रतिशोध की ज्वाला धधक रही थी। इसलिए यदि दोनों के बीच युद्ध होता तो महाविनाश हो जाता । मगध या कलिंग दोनों में से किसी एक का दीपक सदा के लिए बुझ जाता।
प्रश्न 5. 'अशस्त्र' और 'सशस्त्र' के अंतर को लिखिए ?
उत्तर – 'अशस्त्र' न शस्त्र अर्थात् जो शस्त्र के साथ न हो किंतु सशस्त्र का अर्थ है कि शस्त्र के साथ होना । सशस्त्र किसी की हत्या कर सकता है तो अशस्त्र स्वयं मर सकता है, किन्तु किसी को मार नहीं सकता।.
प्रश्न 6. 'युद्ध से हानियाँ' विषय पर अपने मित्र को एक पत्र लिखिए। उत्तर : नालंदा
उत्तर :                                                            छोटाईपट्टी 
                                                                                         23/07/2012
प्रिय मित्र शेखर, नमस्ते ।
तुमने अपने पत्र में युद्ध से होनेवाली हानियों के विषय में मुझे लिखने को कहा था। आज मैं उसी विषय में अपने विचार से तुम्हें अवगत कराने जा रहा हूँ ।
मित्र ! मानवजाति का दीर्घ इतिहास रक्तारक्त युद्धों की एक लंबी परम्परा रही है। अपने राज्य क्षेत्र के विस्तार के उद्देश्य से युदोन्मुख रहे हैं। वे अच्छी तरह जानते हैं कि युद्ध से किसी समस्या का निदान नहीं होता, अपितु समस्या और जटिल हो जाती है । चाहे देवासुर संग्राम हो या पाषाण युग के बर्बर मनुष्यों का युद्ध या आधुनिक साधनों से समलंकृत युद्ध — सभी युद्ध हैं। -
यह सच है कि भीतर का खूनी पिशाच ही लोगों को युद्ध के लिए प्रेरित करता है । हिरोशिमा एवं नागासाकी इसके प्रमाण हैं कि क्षण भर में करोड़ों व्यक्तियों को मौत के घाट उतार दिया गया । फिर भी मनुष्य सम्पूर्ण सृष्टि को जीव शून्य करने का प्रयास कर रहा है। युद्ध से हानि ही हानि है । इसमें मानव-विनाश के साथ-साथ आर्थिक विनाश भी होता है। बच्चे अनाथ हो जाते हैं, स्त्रियाँ विधवा हो जाती हैं तथा देश कंगाल हो जाता है। इससे सृजन के बजाय विनाश होता है । युद्ध से शांति की स्थापना नहीं हो सकती है, इसलिए शांति का ऐसा मंत्र फूँका जाए जिससे मनुष्य के भीतर का पिशाच सहज रूप में निकल जाए और संसार मनुष्यता के सूर्योदय से उद्भासित हो उठे । शेष फिर ।
छोटाईपट्टी, दरभंगा                                                तुम्हारा अभिन्न 
                                                                       बिट्टू पंडित 
व्याकरण :
प्रश्न 1. नीचे तीन वाक्य दिए गए हैं जो प्रश्नवाचक, पूर्णविराम और विस्मयादि स्थितियों को प्रकट करते हैं। पढ़िए और समझिए ।
(क) मगध की विजय हुई है ?
उत्तर : कलिंग का फाटक आज भी बंद है ?
(ख) मगध की विजय हुई है ।
उत्तर : कलिंग अभी भी नहीं गया है ।
(ग) मगध की विजय हुई है !
उत्तर : कलिंग जीत लिया गया है !
नोट : उक्त उदाहरण के आधार पर ऐसे ही तीन वाक्यों को लिखिए | 
प्रश्न 2. वाक्य में प्रयोग करके 'शस्त्र' और 'शास्त्र' में अन्तर स्थापित कीजिए ।
उत्तर : शस्त्र — अशोक ने शस्त्र न उठाने की प्रतिज्ञा की । 
शास्त्र – यह धर्मशास्त्र की पुस्तक है।
गतिविधि :
प्रश्न 1. इस एकांकी के कुछ संवाद जोशीली आवाज़ में कहे गए हैं और कुछ नरम आवाज़ में । ऐसे दो-दो संवादों को लिखिए और अभिनीत कीजिए । 
उत्तर – जोशीली आवाज़ – (i) बन्द हैं तो खुल जाएँगे । 
(ii) जाओ जाकर सेनापति से कह दो कि कल सेना का संचालन मैं स्वयं करूँगा । 
(iii) या तो कलिंग के दुर्ग के फाटक खुल जाएगा या मगध की सेना वापस चली जायगी । 
(iv) बहनो! तुम वीर-कन्या, वीर - भागिनी और वीर-पत्नी हो । 
(v) आज उसी से तुम्हें लोहा लेना है | 
नरम आवाज – (i) तुम कौन हो ? 
(ii) अशोक तो मैं ही हूँ। 
(iii) राजकुमारी दोषी मैं हूँ। 
(iv) मैं स्त्रियों पर शस्त्र नहीं चलाऊँगा । 
(v) शास्त्र की आज्ञा है राजकुमारी । 
प्रश्न 2. किसी भी उत्सव के मौके पर इस एकांकी का मंचन कीजिए ।
संकेत: यह परियोजना कार्य है। छात्र स्वयं करें ।

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