प्रश्न 1. “जैसे हुंडरू का झरना वैसे उसका मार्ग"। इस कथन की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – 'हुंडरू का झरना' राँची से 27 मील की दूरी पर अवस्थित है। यह अन्य झरनों से अलग यानी निराला है। यहाँ तक जाने के लिए बेहतरीन सड़क बनी हुई है। धरती ऊबड़-खाबड़, झाड़ी-झुरमुटों, पेड़-पौधों और लता-गुल्मों के साथ जंगल अपनी जगह आबाद है तथा जंगली जानवरों की आवाज तथा पक्षियों की चहकन से वनप्रांत गुलजार है। कल-कल, छल-छल करती नदियाँ बहती हैं तो किनारे पर रहनेवाले लोगों को अमृत बाँटती जाती है । झरना पहुँचने तक मार्ग में अनेक सुंदर जंगल भी हैं जिनकी विभीषिका से शायद बाघ को भी डर लगता हो । यह झरना स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थान से 50 मील आगे हैं । जल की धाराएँ पहाड़ से नीचे जहाँ गिरती हैं, वहीं यह झरना है। इसका उजला पानी ऐसा प्रतीत होता है, मानो भंवर में पिसकर पत्थर के सफेद चूर्ण गिर रहे हों। इसीलिए लेखक ने कहा— जैसे हुंडरू का झरना वैसे उसका मार्ग ।
प्रश्न 2. हुंडरू का झरना कैसे बना है ?
उत्तर – नदी जहाँ पहाड़ को पार करने की चेष्टा में पहाड़ पर चढ़ती है, वहाँ पानी की कई धाराएँ हो जाती हैं और जब सारी धाराएँ एक होकर पहाड़ से नीचे गिरती हैं, वहीं झरना बनता है, जिसकी ऊँचाई 243 फुट है। यह झरना राँची तथा हजारीबाग के जंगलों के बीच में बह रहा है। एक ओर राँची का जंगल है तो दूसरी ओर हजारीबाग का जंगल । झरना की प्रबल धारा जहाँ गिरती है वहाँ का पानी सतरंगा इन्द्रधनुष - सा प्रतीत होता है।
प्रश्न 3. "स्वयं झरने से भी ज्यादा खूबसूरत मालूम होता है, झरने से आगे का दृश्य" उस दृश्य की सुंदरता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर – "स्वयं झरने से भी ज्यादा खूबसूरत मालूम होता है, झरने से आगे का दृश्य । " लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि पहाड़ों के बीच एक पतली-सी नदी बहती है जो थर्मामीटर के पतला पारा जैसा लगता है । इसके आगे एक पहाड़ है, जिसके इर्द-गिर्द पत्थरों का अंबार लगा हुआ है और उस पर झाड़ी उगी हुई है। यहाँ का दृश्य ऐसा लगता है जैसे प्रकृति ने अपने हाथों इसका निर्माण किया होगा क्योंकि मानव के प्रयत्नों से शोभा के इस विशाल वैभव की सृष्टि सर्वथा कठिन है।
प्रश्न 4. प्रस्तुत पाठ के आधार पर समझाइए कि किसी यात्रा-वृत्तांत को रोचक बनाने के लिए किन-किन बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ?
उत्तर – किसी भी यात्रा-वृत्तांत को रोचक बनाने के लिए उस स्थान विशेष की विशेषता का वर्णन करना आवश्यक होता है, जिस स्थान विशेष की यात्रा पर निकलते हैं। साथ ही, यात्रा के क्रम में आए शहर, गाँव, पहाड़, नदी, जंगल तथा वहाँ के निवासियों के व्यवहार, सभ्यता-संस्कृति एवं आचार-विचार आदि का वर्णन करने पर उस स्थान के प्रति उत्कट अभिलाषा या जिज्ञासा उत्पन्न होती है। जैसे लेखक ने हुंडरू का जलप्रपात तथा राँची एवं हुंडरू के बीच के पहाड़, जंगल, नदी आदि का सजीव वर्णन कर यह बताने का प्रयास किया है कि वस्तु और स्थान विशेष की विशेषताओं का उल्लेख करने पर यात्रा-वृत्तांत में रोचकता आती है।
प्रश्न 5. यहाँ पर एक दृश्य का वर्णन दो तरह से किया गया है :
(क) हुंडरू का पानी कहीं साँप की तरह चक्कर काटता है, कहीं हरिण की तरह छलाँग भरता है और कहीं बाघ की तरह गरजता हुआ नीचे गिरता है ।
उत्तर – हुंडरू का पानी साँप की तरह वहाँ चक्कर काटता है जहाँ पहाड़ या पत्थर होते हैं । हरिण की तरह वहाँ छलांग मारता है जहाँ बाधक तत्व को लाँघकर बहता है और बाघ की तरह वहाँ गरजता प्रतीत होता है जब झरना का पानी 243 फुट ऊपर से नीचे गिरता है। तात्पर्य यह कि पानी की धारा अपने बहाव के अनुरूप अपना स्वरूप बनाती है, पानी का यह रूप लेखक को भयानक भी प्रतीत होता है ।
(ख) हुंडरू का पानी चक्कर काटकर, छलाँग भरता हुआ नीचे गिरता है । इनमें से आपको कौन-सा तरीका अच्छा लग रहा है और क्यों ?
उत्तर– हुंडरू का पानी चक्कर काटकर, छलाँग भरता हुआ नीचे गिरता है। इनमें जो जल बाघ की तरह गरजता हुआ नीचे गिरता है, वह हमें अच्छा लगता है। इसका कारण है कि यहाँ सारा जल एक जगह सिमट जाता है। इसका यह रूप विशाल और भयंकर होता है और इसके बाद वह नदी का रूप धारण कर मंथर गति से बहता है, जिसको देखने के लिए दिन-रात दर्शनार्थियों का ताँता लगा रहता है। जहाँ सारी धाराएँ एक होकर बहती हैं, वह स्थान भयानक तो लगता है लेकिन इस जिज्ञासा की पूर्ति होती है कि पर्वत से नदियाँ किस प्रकार निकलती हैं ।
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. आपने किसी गाँव, शहर की यात्राएँ की होगी उसमें से किसी एक यात्रा का वर्णन कीजिए ?
उत्तर – एक बार मैं अपने कुछ दोस्तों के साथ घूमने के लिए आगरा गया । वहाँ । कई दर्शनीय ऐतिहासिक स्थान हैं, जैसे—आगरा का किला जिसे शाहजहाँ ने बनवाया था तथा ताजमहल । ताजमहल यमुना के किनारे अवस्थित है। इसे भी शाहजहाँ ने ही अपनी बेगम मुमताज की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए बनवाया था। यह संसार के सात आश्चर्यों में एक है। चाँदनी रात में यह और भी आकर्षक लगता है। चाँदनी रात में चमचमाता ताज का सौंदर्य यमुना का श्याम जल का सामीप्य पाकर खिलखिला उठता है। दर्शक देखते ही दंग रह जाते हैं। साथ ही, आगरा एक ऐतिहासिक शहर भी है। मुगल शासक इसी शहर से अपना शासन चलाते थे । इस शहर की व्यवस्था एवं अवस्था से काफी प्रसन्नता हुई ।
फ्रश्न 2. अपने राज्य के किसी एक जलप्रपात का वर्णन कीजिए ?
उत्तर – हमारा राज्य प्राकृतिक दृष्टि से मैदानी क्षेत्र है। यहाँ पहाड़ी क्षेत्र न के बराबर है । फिर भी राजगीर एक ऐसा स्थान है जहाँ गर्मजल का प्रपात है। इसका जल सदा गर्म रहता है। पर्यटक इसमें स्नान का आनंद लेते हैं। उसके पास ही वेणु वन (बाँस का वन) है। जमीन ऊँची-नीची है तथा छोटे-छोटे पहाड़ हैं। पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल भी हैं। खाने-पीने का सामान गर्मजलधारा के पास ही उपलब्ध हैं। वहाँ जाड़े में नित्य लोगों की भीड़ लगी रहती है ।
ठीक इस गर्म जल प्रपात के विपरीत नवादा जिले में ककोलत का जल प्रपात है, जिसका जल बर्फ-सा ठंडा है । इस ठंढे जल प्रपात के प्रभाव से आस-पास का वातावरण भी किसी बर्फीली पहाड़ी शैलावास का आभास कराता है। जहाँ राजगीर के गर्म जल के प्रपात को देखने शैलानी जाड़े में जाना पसन्द करते हैं, वहीं ककोलत के ठंडे जल प्रपात को देखने गर्मी के मौसम में जाते हैं ।
प्रश्न 3. आपके द्वारा की गई यात्राओं के दौरान आपको किसी न किसी प्राकृतिक दृश्य ने अवश्य आकर्षित किया होगा। उस दृश्य का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – कश्मीर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण प्रदेश है। प्रकृति का इस पर कृपा रही है । पीर पंचाल की गोदी में अवस्थित यह स्थल अत्यन्त सुंदर है। यहाँ अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों से सुसज्जित उद्यान है। यहीं से झेलम नदी अपने लघु आकार में आरंभ होती है। कहा जाता है कि मुगल सम्राट जहाँगीर ने यहाँ अनेक बाग लगवाये । इन बागों में निशातबाग अति प्रसिद्ध है। यह स्थल हमें अति आकर्षित किया ।
गतिविधि :
प्रश्न 1. बिहार के दर्शनीय स्थलों की सूची बनाइए । प्राकृतिक सम्पदा तथा कृषि को ध्यान में रखते हुए बिहार एवं झारखंड का तुलनात्मक वर्णन कीजिए ।
उत्तर – बिहार भगवान बुद्ध की कर्मस्थली तथा जगज्जननी जानकी की पावन जन भूमि है। महावीर जैन भी यहीं हुए थे । यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं— बोधगया, राजगीर, नालंदा, वैशाली, पावापुरी, जनकपुर, हरमंदिर एवं अशोक स्तम्भ आदि । प्राकृतिक दृष्टि से हमारा राज्य कृषि प्रधान ही है जबकि झारखंड प्राकृतिक सम्पदा से परिपूर्ण है। बिहार के लोगों की जीविका का साधन कृषि ही है। यहाँ कल-कारखाने नहीं के बराबर हैं। उत्तर बिहार में नदियों का जाल बिछा हुआ है जिस कारण लहलहाती फसल बाढ़ का ग्रास बन जाती है। फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सफल नेतृत्व के कारण झारखंड की अपेक्षा इसका विकास दर अधिक है।
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