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Class 9th NCERT Geography Chapter 7 | भारत : भूमि एवं लोग | भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका | सभी प्रश्नों के उत्तर | SM Study Point

Class 9th NCERT Geography Chapter 7  भारत  भूमि एवं लोग  भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका  सभी प्रश्नों के उत्तर  SM Study Point

  II. लघु उत्तरीय प्रश्न :  

प्रश्न 1. श्रीलंका की जलवायु किस प्रकार की है ? 
उत्तर – श्रीलंका की जलवायु मॉनसूनी प्रकार की है। विषुवत रेखा इसके निकट से ही गुजरती हैं। इस कारण यहाँ सालों भर गर्मी का मौसम बना रहता है । वर्षा भी लगभग सालों भर पड़ती है। लेकिन यहाँ जाड़े की ऋतु नहीं आती। तटीय भागों में 200 सेमी तक तथा पर्वतीय क्षेत्रों में 500 सेमी से भी अधिक वर्षा होती है। श्रीलंका में मात्र 5°C से 7°C तक ही वार्षिक तापांतर दर्ज किया जाता है । शीत ऋतु में देश का औसत तापमान 22°C रहता है वहीं पहाड़ी भागों में 20°C रहता है ।
प्रश्न 2. 'पूर्व का मोती' श्रीलंका को क्यों कहते हैं ?
उत्तर – एक प्रकार से श्रीलंका रत्नों का भंडार है। यहाँ अनेक प्रकार के कीमती रत्न प्रचुरता से पाये जाते हैं । मुख्य रूप से यहाँ नीलम, रक्तमणि, पुखराज, गोमेद आदि पाए जाते हैं। ‘सीलोनी गोमेद' बड़े महत्व का माना जाता है। समुद्र से मोती भी काफी मात्रा में निकाले जाते हैं। इसी कारण श्रीलंका को 'पूर्व का मोती' (Pearl of the East) कहा जाता है।
प्रश्न 3. श्रीलंका में किस प्रकार की वनस्पति पायी जाती है ?
उत्तर – विषुवत रेखा के निकट होने के कारण श्रीलंका में मुख्य रूप से विषुवतीय प्रकार की वनस्पति पायी जाती है। सूर्य का प्रकाश पाने की होड़ में विषुवतीय वनों के वृक्ष लम्बा-से-लम्बा होते जाते हैं, वन उतने ही सघन भी होते हैं । वनों में मुख्य रूप से रबर, सिनकोना, गटापार्चा और चेरू के वृक्ष पाए जाते हैं। गटापर्चा और चेरू क्रमशः भारतीय सखुआ और सागुवान की तरह होते हैं । कुल भूमि के 30% भाग में वन फैले हैं। सघन वन मध्यवर्ती पठारों पर पाये जाते हैं ।


  III. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :  

प्रश्न 1. श्रीलंका की जलवायु का वर्णन कीजिए । 
उत्तर- किसी भी देश की जलवायु पर वहाँ की स्थलाकृति की संरचना भी प्रभावी रहती है। इसी कारण श्रीलंका की जलवायु का वर्णन करने के लिए हमें वहाँ की स्थलाकृति की संरचना को थोड़ा समझ लेना आवश्यक है। श्रीलंका प्रायद्वीपीय भारत की दक्षिण ओर भारत से लगभग 50 किलोमीटर दूरी पर हिन्द महासागर में अवस्थित है। तात्पर्य कि श्रीलंका चारों ओर समुद्र से घिरा है। इससे वहाँ प्रमुख रूप से पूरे श्रीलंका में समुद्री प्रभाव को देखा जाता है। मध्यवर्ती भाग पर्वतीय है तथा तटीय भाग समतल मैदानी है। अन्य पर्वत शिखर रमण, बुद्ध पद, आदम आदि प्रमुख हैं। ऐसा लगता है कि बुद्ध पद का नामकरण भगवाद बुद्ध तथा आदम का श्रीराम के नाम पर आधारित है। समुद्र के बीच अवस्थिति तथा लगभग द्वीप के बीच में पर्वतों की स्थिति वहाँ मॉनसूनी जलवायु को कायम करने में बड़ी भूमिका अदा करती हैं। विषुवत रेखा के नजदीक होने के कारण सालों भर गर्मी पड़ती रहती है। मुख्यतः यहाँ दो ही ऋतु दृष्टिकोचर होते हैं— ग्रीष्म और वर्षा । शीतऋतु नाममात्र की आती है जिस समय 20°C से 22°C के बीच तापमान रहता है। 20°C तापमान रहता भी है तो पर्वतीय भागों में । तटीय भागों में औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी तथा पर्वतीय भागों में 500 सेमी के लगभग होती है । लंका में वार्षिक तापांतर समझ में नहीं आता क्योंकि वह मात्र 5°C से 7°C के बीच रहता है।
प्रश्न 2. श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर- श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करनेवाले कारक हैं : (i) कृषि, (ii) खनन तथा (iii) उद्योग 
(i) कृषि— श्रीलंका में खाद्यान्न तो कम ही उपजाए जाते हैं, अधिकतर व्यवसायिक कृषि को प्राथमिकता दी जाती है। व्यावसायिक कृषि की मुख्य उपज है : (i) चाय, (ii) काली मिर्च, (iii) दाल चीनी, (iv) कहवा (कॉफी), (v) तम्बाकू, (vi) केला, (vii) अनानास, (viii) पान, (ix) सुपारी, (x) गन्ना एवं (xi) काजू । इनमें से कुछ मात्रा को घरेलू खपत में उपयोग होता है तथा शेष का निर्यात कर दिया जाता है। गन्ना से चीनी बनती है। चीनी का भी कुछ अंश निर्यात किया जाता है । इस प्रकार हम देखते हैं कि कृषि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाती है।
(ii) खनन— श्रीलंका में खनिजों का प्रायः अभाव है, फिर भी अल्पमात्रा में ग्रेफेटाइट, मोनाजाइट, अबरख और लौह-अयस्क प्राप्य हैं। इनका खनन होता है । फिर खनन योग्य कुछ मूल्यवान पत्थर मिल जाते हैं, उनमें प्रमुख और सबसे मूल्यवान नीलम, रक्तमणि, पुखराज, गोमद जैसे रत्न हैं। इनका खनन होता है और निर्यात कर दिया जाता है । समुद्र से मोती निकालने का काम होता है, वह भी भारी मात्रा में । फलतः श्रीलंका प्राकृतिक मोती का एक मुख्य निर्यातक देश है। यहाँ इतने अधिक मोती मिलते हैं कि श्रीलंका का नाम ही 'पूर्व का मोती' (Pearl of East) पड़ गया है।
(iii) उद्योग- श्रीलंका का उद्योग का आधार कृषि और खनिज दोनों हैं। दोनों के सम्मिलित उत्पाद के उद्योग चलाए जाते हैं। यहाँ शक्ति के साधनों का अभाव है, इसलिए कोई बड़े उद्योग स्थापित नहीं हो सके हैं। चूना पत्थर के मिलने से वहाँ का सबसे बड़ा उद्योग सीमेंट उत्पादन है। अधिक उद्योग कृषि पर आधारित ही हैं। यहाँ चाय संस्करण, अन्य खाद्य संस्करण, मछली उद्योग तथा मसाला उद्योग विकास की ओर अग्रसर हैं चीनी उद्योग और रबर उद्योग भी मुख्य उद्योगों में आते हैं तथा ये श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के आधार हैं।  

  कुछ अन्य प्रमुख प्रश्न तथा उनके उत्तर  

प्रश्न 1. 'मोतियों का द्वीप' किस द्वीप को कहा गया है ? क्यों ? 
उत्तर — श्रीलंका द्वीप को मोतियों का द्वीप कहा गया है क्योंकि वहाँ विश्व का सर्वाधिक मोती निकाला जाता है और वह भी उत्तम कोटि का ।
प्रश्न 2. श्रीलंका कब स्वतंत्र हुआ ? 
उत्तर —श्रीलंका 1948 में स्वतंत्र हुआ।
प्रश्न 3. विषुवत रेखीय वनस्पति काफी लम्बे क्यों होते हैं ? 
उत्तर – विषुवत रेखीय वनस्पति काफी घनी होती है । इस कारण सूर्य का प्रकाश मिलने में वनस्पतियों को कठिनाई होती है । प्रकाश पाने की उनमें प्रतियोगिता होती है और इसी क्रम में वे लम्बा-से-लम्बा होते जाता है ।

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