8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग को लेकर संसद में दिए गए ताज़ा जवाब के
अनुसार, 1 जनवरी से कर्मचारियों की सैलरी और
पेंशन में बढ़ोतरी संभव है। पूरे देश में लाखों कर्मचारी और पेंशनर्स इस आयोग के
गठन का इंतजार कर रहे हैं। सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, फिलहाल केंद्र सरकार ने इसके गठन को लेकर आधिकारिक मंजूरी
नहीं दी है,
लेकिन सभी कर्मचारियों और
पेंशनधारकों के हितों को देखते हुए विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद सैलरी और
पेंशन में वृद्धि से संबंधित निर्णय लिया जाएगा। वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री
पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी साझा की।SM STUDY POINT BITTU SIR
सरकार का कहना है कि केंद्रीय
कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के वेतन, भत्ते और
पेंशन की समीक्षा के लिए 8वें वेतन
आयोग का गठन किया जाएगा। परंपरा के अनुसार, हर 10 साल में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है, ताकि कर्मचारियों के वेतन, महंगाई भत्ते और अन्य आर्थिक पहलुओं में समायोजन किया जा सके। इसके
लागू होने के बाद लगभग 50 लाख
कर्मचारियों और 65
लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलने
की संभावना है।
सरकार का आधिकारिक बयान
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू
करने की योजना है, जैसे 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू
हुई थीं। इसके बाद सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में बढ़ोतरी होगी और महंगाई
भत्ते समेत अन्य भत्तों में भी इजाफा किया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने विभिन्न
मंत्रालयों और विभागों को इस विषय में आवश्यक डेटा और सुझाव एकत्रित करने के
निर्देश दिए हैं।
संसद में सांसद टी.आर. बालू और
आनंद भदौरिया के सवालों के जवाब में पंकज चौधरी ने बताया कि डिफेंस मिनिस्ट्री, होम मिनिस्ट्री, पर्सनल
एंड ट्रेनिंग डिपार्टमेंट तथा राज्य सरकारों से इस विषय में अलग-अलग सुझाव लिए जा
रहे हैं। इन सुझावों के आधार पर आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति होगी, जिसके बाद औपचारिक अधिसूचना जारी की जाएगी।
वेतन और पेंशन में सुधार
आठवें वेतन आयोग के लागू होने पर न केवल वर्तमान कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में भी एकमुश्त वृद्धि होगी। संसद में इस पर चर्चा के बाद सरकार जल्द ही इसका गठन कर सकती है। हालांकि, घोषणा जनवरी में होने के बावजूद अभी तक औपचारिक सूचना जारी नहीं हुई है और अध्यक्ष व सदस्यों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। कर्मचारियों और राज्यों की ओर से लगातार इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और संभावना है कि सरकार जल्द ही इससे जुड़ा नया नोटिफिकेशन जारी करेगी।