NCERT Solutions for Class 8 Chapter 5. पौधों एवं जंतुओं का संरक्षण (Paudhon evn Jantuon Ka Sanrakshan) Science (Vigyan) - FREE PDF Download
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पाठ्य पुस्तक के आंतरिक प्रश्न
प्रश्न 1. राष्ट्रीय उद्यानों (National parks), वन्य जंतु अभयारण्यों (Wildlife sanctuaries) एवं जैवमंडल संरक्षित क्षेत्रों (Biosphere reserves) को बनाने का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर- राष्ट्रिय उद्यानों, वन्य जंतु अभ्यारण्यों एवं जैवमंडल संरक्षित क्षेत्रों को बनाने का उद्देश्य पौधों और जंतुओं के लिए संरक्षित क्षेत्र उपलब्ध कराना है।
प्रश्न 2. वानोन्मुलन (Deforestation) से एक ओर जहाँ वर्षा में कमी आती है, तो दूसरी ओर बाढ़ आना कैसे हो सकता है ?
उत्तर- वनोंमुलन से वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर बढ़ता है जिसके कारण पृथ्वी पर ताप एवं प्रदुषण के स्तर में वृद्धि होती है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि के कारण जलचक्र का संतुलन बिगड़ता है और वर्षा दर में कमी आती है जिसके कारण सुखा पड़ता है। दूसरी ओर बनोंमुलन से मृदा की जलधारण क्षमता तथा भूमि की ऊपरी सतह से जल के नीचे की ओर अंत:स्रवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ आती है।
प्रश्न 3. कुछ विशेष क्षेत्रीय स्पीशीज (Endemic Species) विलुप्त हो सकती है। क्या यह सच है ?
उत्तर- हाँ, यह सच है। विशेष क्षेत्रीय स्पीशीज के आवास के नष्ट होने, बढती जनसँख्या तथा नई स्पीशीज के प्रवेश से विशेष क्षेत्रीय स्पीशीज के प्राकृतिक आवास पर प्रभाव पड़ने से ये विलुप्त हो सकती है।
प्रश्न 4. चिड़ियाघर और वन्यप्राणी अभयारण्य में क्या अंतर है ?
उत्तर- चिड़ियाघर ऐसा स्थान है जहाँ प्राणी अपने कृतिम आवास में सुरक्षित रहते है। यहीं जंतुओं को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। अभयारण्य वह क्षेत्र है जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते है। यहाँ जानवर खुद ही शिकार कर भोजन प्राप्त करते है।
प्रश्न 5. क्या केवल बड़े जंतुओं को ही विलुप्त होने का खतरा है ?
उत्तर- नहीं,बड़े जंतुओं की अपेक्षा छोटे जंतुओं के विलुप्त होने का खतरा अधिक है।
प्रश्न 6. क्या बनोंमुलन का कोई स्थाई हल है ?
उत्तर- जी हाँ, वनोंमुलन का स्थाई हल पुनर्वंरोपन है। हमें कटे गए वृक्षों की कमी पूरी करने के लिए उससे अधिक संख्या में नए वृक्ष लगाने चाहिए।
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पाठ्य पुस्तक के अभ्यास
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए-
(क) वह क्षेत्र जिसमें जंतु पाने प्राकृतिक आवास में संरक्षित होते है .................. कहलाता है।
(ख) किसी क्षेत्र विशेष में पाई जाने वाली स्पीशीज ............... कहलाती है।
(ग) प्रवासी पक्षी सुदूर क्षेत्रों से ................. परिवर्तन के कारण पलायन करते है।
उत्तर- (क) वन्य जीव अभयारण्य (ख) विशेष क्षेत्रीय स्पीशीज (ग) जलवायु।
प्रश्न 2. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(क) वन्यप्राणी उद्यान एवं जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र।
उत्तर- वन्यप्राणी उद्यान वह क्षेत्र है जहाँ वन्य प्राणी (जंतु) सुरक्षित और संरक्षित रहते है। जैवमंडलीय आरक्षित क्षेत्र, वन्य जीवन, पौधों और जंतु संसाधनों और उस क्षेत्र के आदिवासियों के पारंपरिक ढंग से जीवन-यापन हेतु विशाल संरक्षित क्षेत्र है।
(ख) चिड़ियाघर एवं अभयारण्य।
उत्तर- चिड़ियाघर ऐसा स्थान है जहाँ प्राणी अपने कृत्रिम आवास में सुरक्षित रहते है। यहाँ जंतुओं को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। अभयारण्य वह क्षेत्र है जहाँ जंतु एवं उनके आवास किसी भी प्रकार के विक्षोभ से सुरक्षित रहते है। यहाँ जानवर खुद ही शिकार कर भोजन प्राप्त करते है।
(ग) संकटापन्न एवं विलुप स्पीशीज।
उत्तर- संकटापन्न (Endangered) जंतु वे जंतु है, जिनकी संख्या एक निर्धारित स्तर से कम होती जा रही है और वे विलुप्त हो सकते है। भारतीय शेर, गैंडा आदि इस श्रेणी में आते है। विलुप्त स्पीशीज वे है जो पृथ्वी पर अब देखने को नहीं मिलती है, जैसे-डायनासोर।
(घ) वनस्पतिजात एवं प्राणिजात।
उत्तर- किसी विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले पेड़-पौधे उस क्षेत्र के वनस्पतिजात कहालते है। किसी विशेष क्षेत्र में पे जाने वाले जिव-जंतु उस क्षेत्र के प्राणिजात कहालते है।
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प्रश्न 3. वनोन्मुलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-
(क) वन्यप्राणी (ख) पर्यावरण (ग) गाँव (ग्रामीण क्षेत्र) (घ) शहर (शहरी क्षेत्र) (ड) पृथ्वी (च) अगली पीढ़ी।
उत्तर- (क) वन्यप्राणी पर प्रभाव : पेड़-पौधों वन्य प्राणियों को आवास एवं भोजन प्रदान करते है। वनोन्मुलन से प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते है तथा जंतु संकटापन्न स्पीशीज बन जाते है।
(ख) पर्यावरण पर प्रभाव : वनोन्मुलन से वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी आ जाती है। प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पौधों को भोजन बनाने के लिए CO2 की आवश्यकता होती है। कम वृक्षों का अर्थ है कार्बन डाईऑक्साइड के उपयोग में कमी आना जिससे वायुमंडल में इसकी मात्रा बढ़ जाता है, क्योंकि कार्बन डाईऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित उष्मीय विकिरणों को पुनः ग्रहण कर लेती है, अत: इसकी मात्रा में वृद्धि के परिणामस्वरूप वै
(ग) गाँव (ग्रामीण क्षेत्र) पर प्रभाव : अधिकतर कृषि ग्रामीण क्षेत्र में होती है। भूमि पर वृक्षों की कमी होने से मृदा अपरदन अधिक होता है। मृदा की ऊपरी परत हटने से नीचे की कठोर चट्टानें दिखाई देने लगती है। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है तथा इसकी उर्वरता भी अपेक्षकृत कम होती है।
(घ) शहर (शहरी क्षेत्र) पर प्रभाव : शहरों में उद्योग और वाहन बड़ी मात्रा में चलते है। वनोन्मुलन से पर्यावरण प्रदूषित हो जायेगा और शहरों में रहने वाले स्वस्थ नहीं रहेंगे।
(ड) पृथ्वी पर प्रभाव : पृथ्वी पर वृक्षों की कमी होने से मृदा अपरदन होता है। इससे मृदा में ह्यूमस की कमी होती है। धीरे-धीरे उर्वर भूमि मरुस्थल में परिवर्तित हो जाती है। वनोन्मुलन से मृदा की जलधारण क्षमता और भूमि की ऊपरी सतह से जल के नीचे की ओर अंत:स्रवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ आती है। मृदा के अन्य गुण, जैसे-पोषक गठन इत्यादि भी वनोन्मुलन के कारण प्रभावित होते है।
(च) अगली पीढ़ी पर प्रभाव : वनोन्मुलन से दुर्लभ वनस्पति और जंतु प्रजातियाँ नष्ट हो जाती है, जिन्हें अगली पीढ़ी चित्रों में ही देख सकती है। अगली पौड़ी अनेक संसाधनों की कमी से भी जूझती है।
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प्रश्न 4. क्या होगा यदि -
(क) हम वृक्षों की कटाई करते रहे?
उत्तर- अगर हम पेड़ों को काटते चले जाएं, तो बारिश और मिट्टी की उर्वरता कम हो जाएगी और प्राकृतिक जलवायु में बदलाव आएगा। इससे मिट्टी की जल धारण क्षमता में भी कमी आएगी जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ आने की संभावनाएँ बढ़ जाएगी। इससे पशु जीवन भी प्रभावित होगा।
(ख) किसी जंतु का आवास वाधित हो ?
उत्तर- जंतुओं का जीवित रहना मुश्किल हो जायेगा क्योंकि उनका प्राकृतिक आवास बाधित होगा। उनके पास रहने और प्रजनन के लिए कोई जगह नहीं होगी। परिणामस्वरूप वे जीवित नहीं रह पाएँगे और भोजन की कमी के कारण जंतु पास के गाँवों में भटकने और घरेलु पशुओं को अपना शिकार बनाएंगे।
(ग) मिट्टी की ऊपरी परत अनावृत हो जाए ?
उत्तर- यदि मिट्टी की ऊपरी परत अनावृत हो जाएगी तो वह जल से धुल जाएगी। ऊपरी परत के हटने से उपजाऊ भूमि धीरे-धीरे रेगिस्तान में परिवर्तित हो जाएगी। इसके आलावा जल के साथ बहकर गयी मिट्टी नदी के तल में जमा हो जाएगी जिसके परिणास्वरूप नदियों की गहराई कम हो जाएगी। जिससे बाढ़ की संभावना कई गुणा बढ़ जाएगी।
प्रश्न 5. संक्षेप में उत्तर दीजिए-
(क) हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए ?
उत्तर- जैव विविधता का अर्थ है की किसी क्षेत्र विशेष में पाए जाने वाले सभी पौधों, जंतुओं और सूक्ष्म जीवों की विभिन्न प्रजातियाँ। हम इनका संरक्षण करने पर उस क्षेत्र की जैव विविधता और संस्कृति को बनाए रख सकते है। जैव विविधता के कारण ही हमें खाद्य पदार्थ प्राप्त होते है तथा जंतुओं के जीवन-यापन के अनजान पहलुओं का अध्ययन हम उस क्षेत्र के जंतुओं को सुरक्षित रखकर कर सकते है। अत: जैव विविधता का संरक्षण अति आवश्यक है। यह हमारे जीवन के लिए एक बहुमूल्य निधि है।
(ख) संरक्षित वन भी वन्य जन्तुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है, क्यों ?
उत्तर- संरक्षित वन भी वन्य जंतुओं के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं है, क्योंकि इनके आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग वनों का अतिक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देते है।
(ग) कुछ आदिवासी वन (जंगल) पर निर्भर करते है। कैसे?
उत्तर- यह सत्य है की कुछ आदिवासी वन पर निर्भर करते है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान की चट्टानों में आवास के प्रागैतिहासिक प्रमाण मिले है, जिनसे आदिमानव के जीवन-यापन के बारे में पता चलता है। चट्टानों पर कुछ कलाकृतियाँ जैसे लड़ते हुए लोग तथा जानवर का शिकार, नृत्य और वाध्ययंत्रों को बजाते हुए दर्शाया गया है। कुछ आदिवासी आज भी वनों में रहते है। बन उपजों का संग्रह कर, शिकार कर अपना पेट भरते है तथा पेड़ों की छाल और जंतुओं की खाल से बने वस्त्र पहनते है।
(घ) वनोन्मुलन के कारक और उनके प्रभाव क्या है ?
उत्तर- वनोन्मुलन के कारक-
1. कृषि के लिए भूमि प्राप्त करना।
2. घरों एवं कारखानों का निर्माण।
3. फर्नीचर बनाने अथवा लकड़ी का ईंधन के रूप में उपयोग।
4. पशुओं के अतिचारण के लिए।
वनोन्मुलन के प्रभाव-
1. ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड के अनुपात का असंतुलन।
2. अधिक बाढ़ें।
3. भू-स्खलन।
4. जलवायु परिवर्तन।
5. वन में रहने वाले पशु-पक्षियों का नष्ट होना या प्रवास करना।
6. स्थलीय जल में कमी।
7. भूमि की उर्वरता में कमी।
(ड) रेड डाटा पुस्तक क्या है ?
उत्तर- रेड डाटा पुस्तक (Red Data Book) वह पुस्तक है जिसमें सभी संकटापन्न स्पीशीज का रिकोर्ड रखा जाता है। पौधों, जंतुओं और अन्य स्पीशीज के लिए अलग-अलग रेड डाटा पुस्तकें है।
(च) प्रवास से आप क्या समझते है ?
उत्तर- कुछ स्पीशीज द्वारा अपने आवास से किसी निहित समय में बहुत दूर जाना प्रवास कहलाता है। प्रवास अधिकतर पक्षियों में पाया जाता है। जलवायु में परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षी प्रत्येक वर्ष सुदूर क्षेत्रों से एक निहित समय पर उड़कर आते है। वे यहाँ अंडे देने के लिए आते है, क्योंकि उनके मूल आवास में बहुत अधिक शीत के कारण वह स्थान उस समय जीवन-यापन हेतु अनुकूल नहीं होता।
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प्रश्न 6. फैक्ट्रियों एवं आवास की मांग की आपूर्ति हेतु वनों की अनवरत कटाई हो रही है। क्या इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत है ? इस पर चर्चा कीजिए तथा एक संक्षिप्त रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर- इन परियोजनाओं के लिए वृक्षों की कटाई न्यायसंगत नहीं है। वृक्षों का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि पेड़ पर्याप्त मात्रा में वर्षा लाने और प्रकृति में जलचक्र बनाए रखने के लिए आवश्यक है। लेकिन आज जिस तेजी से जनसँख्या बढ़ रही है उसकी माँग पूर्ति हेतु फैक्ट्रियों और आवास भी आवश्यक है। आवास मनुष्य की आधारभूत आवश्यकता है तथा फैक्ट्रियों से लोगों को सस्ता सामान और रोजगार मिलता है।
इनके लिए भूमि की आवश्यकता होती है जिसके लिए वनों की कटाई कर भूमि प्राप्त की जाती है। इन परियोजनाओं के लिए अन्य विकल्प ढूंढे जाने चाहिए न की वनों की कटाई की जानी चाहिए। वृक्षों की कटाई यदि आवश्यक है, तो वनों में हम उतने ही वृक्ष उसी स्पीशीज के अवश्य लगाएँ जितने पेड़ हम काटते है। पुनर्वनरोपन की क्रिया में आवश्यक रूप से हमें यह कार्य करना चाहिए।
प्रश्न 7. अपने स्थानीय क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में आप किस प्रकार योगदान दे सकते है ? अपने द्वारा की जाने वाली क्रियाओं की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर- अपने क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने में हम निम्न क्रियाओं की सहायता से योगदान दे सकते है-
1. जागरूकता अभियान चलाकर।
2. वन महोत्सव मनाकर।
3. लोगों को नर्सरी में मुफ्त मिलने वाले पौधों के बारे में जानकारी देकर।
4. जन्मदिवस, शादी आदि पर लोगों को पौधे उपहार देने की सलाह देकर।
5. छोटे बच्चों की सहायता से आस-पास के क्षेत्रों में पौधे लगाने में लेकर।
6. वन विभाग के कार्यकर्ता को बुलाकर वनों के महत्त्व के बारे में लोगों को बताकर।
प्रश्न 8. वनोन्मुलन से वर्षा दर किस प्रकार कम हुई है? समझाइए।
उत्तर- वनोन्मुलन से वर्षा दर कम हो जाती है क्योंकि पेड़-पौधे पर्यावरण में जलचक्र बनाए रखने के लिए मुख्य कारक है। पौधे, मृदा से जल का शोषण नहीं करेंगे और बादल बनाने के लिए अपपनी पत्तियों से जल का वाष्पन भी नहीं करेंगे। यदि बदल नहीं बनेंगे, तो वर्षा भी नहीं होगी। साथ ही हम जानते है की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में पौधों को भोजन बनाने के लिए कार्बन डाईऑक्साइड की आवश्यकता होती है।
कम वृक्षों का अर्थ है कार्बन डाई-ऑक्साइड के उपयोग में कमी आना जिससे वायुमंडल में इसकी मात्रा बढ़ जाती है क्योंकि कार्बन डाईऑक्साइड पृथ्वी द्वारा उत्सर्जित उष्मीय विकिरणों का पुनः ग्रहण कर लेती है, अत: इसकी मात्रा में वृद्धि के परिणामस्वरूप विश्व ऊष्मण होता है। पृथ्वी के ताप में वृद्धि के कारण जलचक्र का संतुलन बिगड़ता है। इससे वर्षा की दर में कमी आती है।
प्रश्न 9. अपने राज्य के राष्ट्रिय उद्यानों के विषय में सूचना एकत्र कीजिए। भारत के रेखा मानचित्र में उनकी स्थिति दर्शाइए।
उत्तर- बहुत जल्द दे दिया जाएगा
प्रश्न 10. हमें कागज की बचत क्यों करनी चाहिए ? उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते है।
उत्तर- एक टन कागज प्राप्त करने के लिए पूर्णरूपेण विकसित 17 वृक्षों को काटा जाता है, अत: हमें कागज की बचत करनी चाहिए। कागज की बचत करने के लिए हम निम्नलिखित कार्य कर सकते है-
1. कागज का पुनः उपयोग,
2. कागज का पुनःचक्रण,
3. कागज का मितव्ययिता से उपयोग,
4. जनजागरूकता अभियान चलाकर।
प्रश्न 11. दी गई शब्द पहेली को पूरा कीजिए-
ऊपर से नीचे की ओर-
1. विलुप्त स्पीशीज की सूचना वाली पुस्तक
2. पौधों, जंतुओं एवं सूक्ष्म जीवों की किस्में एवं विभिन्नताएँ
वाईं से दाईं ओर-
1. पृथ्वी का वह भाग जिसमे सजीव पाए जाते है
3. विलुप्त हुई स्पीशीज
3. एक विशिष्ट आवास में पाई जाने वाली स्पीशीज